इंसान कभी-कभी किसी के प्रशंसा करने के चक्कर में उसके लिये मुसीबते बढ़ा देता है अथवा किसी विवाद को जन्म दे देता है, ऐसा ही कुछ हुआ है प्रदेश सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या की बेटी संघमित्रा मौर्या के साथ। संघमित्रा की लिखी किताब में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा के लिए जो संदर्भ दिए गए हैं उससे सीएम योगी परेशान हो सकते हैं। दरअसल इस किताब में संघमित्रा ने योगी के विवादास्पद अतीत और उनके भड़काऊ भाषणों का जिक्र किया है। संघमित्रा की यह किताब ‘मोदित्व के मायने’ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सफलता को फोकस करती है, वहीं इसका एक सेक्शन सीएम योगी को असहज कर सकता है। स्वामी प्रसाद मौर्या बीएसपी छोड़कर इसी साल विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी में शामिल हुए थे।
दंगों का भी जिक्र
संघमित्रा और उनके सहयोगी लेखक दीपक का कहा है कि सीएम योगी खुद पीएम मोदी को बेहद पसंद करते हैं। उनके जीवन को विस्तृत करते हुए इस किताब में सीएम योगी के सांसद बनने से लेकर उनके सीएम बनने तक को उनका पॉलिटिकल अवतार बताया गया है। इसी कड़ी में किताब में उनके राज्य के दंगों के जुड़े होने, विवादास्पद बयानों और उनके सख्त हिंदूवादी होने का जिक्र है।
उदाहरण के तौर पर इस किताब में अगस्त 2014 के एक विडियो का जिक्र है, जिसमें सीएम योगी उनके समर्थकों से यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि ‘यदि वे (मुस्लिम) एक हिंदू लड़की का धर्म परिवर्तन करवाते हैं तो हम 100 मुस्लिम लड़कियों का धर्म परिवर्तन करवाएंगे।’ योगी ने उस समय इस विडियो पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया था। योगी ने कहा था कि यह मीडिया का काम है कि वे खोजें कि उन्होंने ये शब्द कब कहे थे।
विवादित बयान
लेखकों ने योगी याद करते हुए लिखा है कि योगी ने अगर कहा है कि अगर वह उनके रास्ते पर चले तो वह देश की हर मस्जिद में हिंदू देवी-देवताओं (गौरी, गणेश) की मूर्तियां होंगी। इसके बाद योगी के विवादों के साथ उनकी लोकप्रियता बढ़ती गई और वह आगे बढ़ते गए। लेखकों ने योगी के इन विवादों को उनके गुण बताए हैं। इसमें उस समय का भी जिक्र है जब योगी हिंदू युवा वाहिनी चल रहे थे। उनके धर्म परिवर्तन के खिलाफ किए गए कार्यों को धर्मयुद्ध बताया गया है।
किताब में 2015 के योगी के उस बयान को भी कोट किया गया है जो उन्होंने बीफ रखने के आरोपित मोहम्मद अखलाक की हत्या के दौरान दिया था। किताब में लिखा है कि योगी ने कहा था, ‘मैंने पढ़ा है कि अखलाक पाकिस्तान गया था। जब वह पाकिस्तान से वापस आया उसकी गतिविधियां बदली हुई थीं। क्या सरकार ने इस मामले में पड़ताल की थी कि अखलाक पाकिस्तान क्यों गया था?’ उनके इस बयान के माध्यम से किताब में योगी का महिमामंडन किया गया है।
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