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सुल्तानपुर के प्रमुख समाचार प्रमोद दुबे के संग

(1)सुलतानपुर :-जेल से पेशी पर आये मुल्जिम के फरार होने के मामले में पुलिस अधीक्षक ने ड्यूटी पर लगे बंदी रक्षक के खिलाफ एक्शन लिया है। उन्होंने भागे हुए बंदी के अलावा बंदी रक्षक के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया। एसपी अमित वर्मा ने बताया कि बंदी रक्षक को दायित्वों में लापरवाही के चलते निलंबित भी कर दिया गया है।
मालूम हो कि बुधवार को लंभुआ थाना क्षेत्र स्थित शिवगढ़ से जुड़े चोरी के एक मामले में जेल में निरुद्ध बंदी नाटे मुसहर सीजेएम कोर्ट में पेशी पर आया था। जहां से वापस लाकअप में जाते समय आरोपी नाटे बंदी रक्षक सुनील सिंह को चकमा देकर फरार हो गया। जिसकी सूचना मिलते ही पुलिस महकमें में हड़कम्प मच गया। नगर कोतवाल एसके मिश्र ने उसकी गिरफ्तारी के लिए काफी प्रयास किया,लेकिन सफलता हाथ न लगी। आरोपी के भागने के पीछे बंदी रक्षक सुनील सिंह की बड़ी लापरवाही मानी जा रही है। जिसको लेकर बंदी नाटे व बंदी रक्षक सुनील सिंह के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ है। पुलिस अधीक्षक अमित वर्मा से इस संबंध में बात की गयी तो उन्होंने बताया कि बंदी व बंदी रक्षक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के साथ-साथ बंदी रक्षक सुनील सिंह को निलंबित भी कर दिया गया है।

(2)सुलतानपुर। हत्या के प्रयास समेत अन्य मामलों में निरुद्ध जिला पंचायत सदस्य राकेश उर्फ दरोगा यादव को बगैर ट्रायल कोर्ट की अनुमति के गाजीपुर जेल भेजने के फैसले को एडीजे प्रथम श्यामजीत यादव की अदालत ने गलत माना है। आरोपी की अर्जी पर कोर्ट ने पुन:उसे गाजीपुर से सुलतानपुर की जेल में स्थानांतरित करने के संबंध में आदेश जारी किया है।
मालूम हो कि बल्दीराय थाना क्षेत्र के डोमनपुर निवासी राकेश यादव उर्फ दरोगा समेत अन्य के खिलाफ अभियोगी जग प्रसाद ने 31 अगस्त 2011 को कोटा चयन के विवाद को लेकर हत्या के प्रयास समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। राकेश उर्फ दरोगा के खिलाफ इस मामले के अलावा अन्य कई गंभीर अपराध से जुड़े मामले भी चल रहे हैं। जिला कारागार में निरुद्ध रहे दरोगा यादव को कुछ माह पूर्व तत्कालीन जेल अधीक्षक ने आजमगढ़ जेल के लिए स्थानांतरित कर दिया,जिसके बाद उसे गाजीपुर जिला कारागार स्थानांतरित कर दिया गया। जेल प्रशासन के इस फैसले को चुनौती देते हुए राकेश यादव की तरफ से विचारण कर रही एडीजे प्रथम की अदालत में अर्जी दी गयी। जिस पर सुनवाई के दौरान उसके अधिवक्ता अरविंद सिंह राजा ने तर्क दिया कि जेल प्रशासन को सिर्फ दोषसिद्ध अपराधियों के लिए ही जेल स्थानांतरण पर अपना निर्णय लेने का अधिकार है। विचाराधीन बंदी को बगैर ट्रायल कोर्ट की अनुमति के अन्य जेल में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता। इस संबंध में उन्होंने कई विधि व्यवस्थाओं का हवाला भी दिया। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम श्यामजीत यादव ने दरोगा यादव की तरफ से पेश की गयी अर्जी को स्वीकार करते हुए उसे गाजीपुर जेल से सुलतानपुर की जेल में स्थानांतरण किये जाने के संबंध में जेल प्रशासन सुल्तानपुर को नियमानुसार कार्रवाई का आदेश दिया है।

(3) सुलतानपुर । दहेज प्रताड़ना समेत अन्य आरोपो से जुड़े मामले में अंतरिम जमानत पर चल रहे ससुरालीजनो की तरफ से प्रस्तुत जमानत अर्जी को सीजेएम विजय कुमार आजाद ने उनकी जमानत के लिए पर्याप्त आधार न पाते हुए खारिज कर दिया है।
पहला मामला कमरौली थाना क्षेत्र से जुड़ा है। जहां पर आरोपी मो.उमर व उसकी मां रहीशुल निशा निवासीगण अशरफपुर बल्दीराय के खिलाफ अभियोगिनी ने दहेज की मांग को लेकर प्रताड़ित करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया। इसी मामले में बीते चार अक्टूबर से अंतरिम जमानत पर चल रहे दोनों आरोपियों ने सीजेएम कोर्ट में आत्म समर्पण किया। दोनों आरोपियों की जमानत के लिए पर्याप्त आधार न पाते हुए अदालत ने उनकी अर्जी खारिज कर दी है।
दूसरा मामला कोतवाली नगर के घरहा खुर्द से जुड़ा हुआ है। जहां के रहने वाली रुकसार खातून ने ससुरालीजनों के खिलाफ विवाहिता को प्रताड़ित करने समेत अन्य आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। इसी मामले में आरोपी अनवर अली व उसकी पत्नी खुशबुन निशा निवासीगण कस्बा चांदा कुछ दिनों से अंतरिम जमानत पर चल रहे थे। जिनके जरिए सुलह समझौते पर प्रयास न करने एवं विवाहिता के प्रति क्रूरता का व्यवहार होने के चलते उनकी जमानत के लिए पर्याप्त आधार न पाते हुए सीजेएम कोर्ट ने इनकी भी मूल जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है।

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