वाराणसी. कहते है सोच की कोई सीमा नहीं होती है. एक नवजवान ने सोच की इसी सीमा को लांघते हुवे सूखे मेवे की ताजिया तामीर किया है. सलीमपुरा स्थित हाजी नुरे कुरैशी के नवजवान इस 17 वर्षीय नवाजिश ने इस ताजिये को सूखे मेवे से तामीर किया है. सूखे मेवे में गरी, काजू, किशमिश, बादाम, और मखाने का उपयोग किया गया है. गुम्बद को किशमिश से जहा बनाया गया है वही काजी और छुहारे से इसको सजाया गया है. बादाम का सहारा लेकर कंगूरे बनाये गये है. सब मिलाकर इस सूखे मेवे से बनी ताजिया रात भर लोगो के आकर्षण का केंद्र बनी रही.
इस सम्बन्ध में हमसे बात करते हुवे ताजिया को तामीर करने वाले नवाजिश के मामा हाजी नूरे ने हमको बताया कि जब नवाजिश ने इस ताजिये को सूखे मेवे से तामीर करने की बात कही थी तो यह असंभव जैसा लग रहा था मगर सभी ने इस नवजवान पर विश्वास किया और उसने कर दिखाया.
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