ई-टेंडरिंग फेल हो रही चीनी मिलो में
लखीमपुर खीरी बेलराया
ठेकेदारी व्यवस्था को भ्रष्टाचार मुक्त करने और पारदर्शी बनाने के लिये प्रदेश सरकार ने भले ही ई-टेंडरिंग की व्यवस्था लागू की हो लेकिन सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना को चीनी मिल के अधिकारी फेल करने में तुले हुए हैं। इस प्रकार का एक मामला प्रकाश में आया हैं।सरजू सहकारी चीनी मिल बेलरायां में शुगर बैग हैंडलिंग की ई- टेंडरिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद जब निविदाओं की टेक्निकल बिड खोली गई तो ठेकेदार ऊषा सिंह व अन्य दो निविदादाताओं की टेक्निकल प्रक्रिया पूरी कर रेट खोल दिये गये जिसमे नानपारा की ऊषा सिंह ऐसोसीएट ट्रेडर्स की दरें कम पायी गई । अधिकारियों ने बताया आपकी दरें कम पाई गई हैं आप का वर्क आर्डर अगले कुछ दिनों में मिल जायेगा। आप अपनी काम करने की तैयारी कीजिये।ऊषा सिंह ने काम करने की सभी तैयारियां पूरी करके ट्रैक्टर ट्रालियां वालो को और लेवरो को लाखों रुपए एडवांस में दे दिये ।काफी समय बीतने के बाद जब वर्क आर्डर नही मिला तो इसकी शिकायत योगी सरकार की जनसुनवाई पोर्टल पर की गई।जिसकी जांचोउपरांत झल्लायें जीएम ने आनन फानन में निविदा निरस्त कर दी।जो कि कानूनी तौर से गलत हैसरकार की सही कार्य करने की मंशा पर इस तरह से मनचाहा काम करके सरकार को ही ठेंगा दिखा रहे हैं चीनी मिल के जीएम। वहीं कुशल व अनुभवी ठेकेदार भृष्ट चीनी मिल जीएम की कार्य प्रणाली से आहत होकर भृष्टाचार की भेंट चढ़ रहे हैं।