ओमप्रकाश राजभर 28 साल से राजनीति में हैं , लेकिन उन्हें हल्दी नही लगी थी, मोदी जी व अमित शाह जी की मेहरबानी से वह विधायक व मंत्री बने, लेकिन वे इसका एहसान नही माने- अनिल राजभर राज्यमंत्री उत्तर प्रदेश
बलिया ।। स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर भाजपा व योगी सरकार में उसकी साझीदार सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मध्य तल्खी बढ़ गयी है। योगी सरकार के मंत्री अनिल राजभर ने सुभासपा अध्यक्ष व काबिना मंत्री ओमप्रकाश राजभर पर अनेक गम्भीर आरोप लगाते हुए उनपर हमला बोला है। बलिया जिले के बिल्थरा रोड में बुधवार की रात्रि एक चुनावी सभा को सम्बोधित करते हुए होमगार्ड मंत्री अनिल राजभर ने अपनी ही सरकार के काबिना मंत्री ओमप्रकाश राजभर पर तीखे हमले किये। उन्होंने सुभासपा अध्यक्ष पर कृतघ्न व एहसान फरामोश होने का आरोप लगाया तथा कहा कि ओमप्रकाश मरेंगे तो उन्हें चुल्लू भर पानी भी मयस्सर नही होगा। कहा कि ओमप्रकाश 18 वर्ष से अपनी पार्टी चला रहे हैं, लेकिन उन्हें हल्दी नही लगी। भाजपा ने ही पिछले विधानसभा चुनाव में ओमप्रकाश को 8 सीट देकर उन्हें विधानसभा तक पहुंचाया तथा मंत्री बनाया। कहा कि स्थानीय निकाय चुनाव में ओमप्रकाश राजभर मोदी जी को ताकत देने , भाजपा का हिम्मत बढ़ाने व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हौसला बढ़ाने के बजाय अपना उम्मीदवार लड़ा रहे हैं। कहा कि भाजपा ने निकाय चुनाव की तिथि घोषित होने से पहले ही सुभासपा से तालमेल का प्रयत्न किया था। वह स्वयं भाजपा के सन्देश वाहक के रूप में ओमप्रकाश से मिले थे , लेकिन ओमप्रकाश बात करने के लिये तैयार नही हुए। ओम प्रकाश पर जमकर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि ओमप्रकाश 28 साल से राजनीति में हैं , लेकिन उन्हें हल्दी नही लगी थी। मोदी जी व अमित शाह जी की मेहरबानी से वह विधायक व मंत्री बने, लेकिन वे इसका एहसान नही माने। भाजपा के प्रति कृतज्ञ होने के बजाय कृतघ्न हो गए व भाजपा का एहसान मानने के बजाय एहसान फरामोश हो गए। उन्होंने हिन्दू होने का हवाला देते हुए कहा कि जो एहसान फरामोश होता है , उसकी लाश को गिद्ध भी हाथ नही लगाता। उन्होंने ओमप्रकाश को इंगित करते हुए कहा कि उनको मरने के लिये चुल्लू भर पानी भी नसीब नही होगा। उन्होंने ओमप्रकाश पर आरोप लगाया कि वे गरीबो को चौराहे पर खड़ा कर उन्हें बेच रहे हैं। विधायक , नगर पंचायत व नगर पालिका के टिकट को बेच रहे हैं। सुभासपा अध्यक्ष व काबिना मंत्री पर हमले को लेकर मंत्री अनिल राजभर ने एक बातचीत में कहा कि सुभासपा ने गठबंधन धर्म का पालन नही किया। उन्हें धैर्य रखना चाहिए था। उन्हें ज्यादा व्याकुल नही होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि ओमप्रकाश को व्यक्तिगत हित पर समाज हित को सर्वोपरि रखना चाहिये। उन्होंने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के इलाके में अपने उम्मीदवार उतारकर असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व ने सुभासपा के अलग चुनाव लड़ने का संज्ञान लिया है। सुभासपा अध्यक्ष के 2019 में अलग चुनाव लड़ने के बयान पर उन्होंने कहा कि वह स्वतंत्र हैं।
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