मारिन ने बेल्जियम की सरकार से मांग की है कि वह इस्राईल के साथ अपने तमाम सहयोग को समाप्त करे और वहां के छात्रों को बेल्जियम के किसी भी विश्वविद्यालय में दाख़िला देने पर प्रतिबंध लगाए। उल्लेखनीय है कि इससे पहले अप्रैल में बीबीसी की एक रिपोर्ट में भी कहा गया था कि यूरोपीय देश इस्राईली छात्रों से सतर्क रहें क्योंकि इस आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता कि यूरोपीय देशों के विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे इस्राईली छात्र मोसाद के जासूस हो सकते हैं।
दूसरी ओर वर्ष 2012 के शुरू में इंतेफ़ाज़ा ऑनलाइन नामक वेब साईट ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि दुनिया भर के कई विश्वविद्यालयों में इस्राईली छात्रों को ज़ायोनी शासन के समर्थन में सामाजिक मीडिया पर 5 घंटे काम करने के बदले मोसाद 2000 डॉलर देता है।
मो0 कुमेल डेस्क: ज्ञानवापी मस्जिद के मुताल्लिक एक फैसले में पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड के…
तारिक खान डेस्क: मध्य प्रदेश के शिवपुरी ज़िले में 26 नवंबर को एक दलित युवक…
तारिक आज़मी डेस्क: पहले ज्ञानवापी मस्जिद, फिर मथुरा शाही ईदगाह और इसके बाद संभल के…
संजय ठाकुर आजमगढ़: ऑनलाइन बेटिंग एप के ज़रिये अधिक पैसा कमाने का लालच देकर लोगो…
आदिल अहमद डेस्क: रूस ने पहली बार माना है कि यूक्रेन की ओर से किए…
माही अंसारी डेस्क: भारत के जाने-माने उद्योगपति गौतम अदानी और उनके कुछ सहकर्मियों के ख़िलाफ़…