जावेद अंसारी
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी बहुत ही जल्द पार्टी अध्यक्ष का पद सम्भालने वाले हैं। इंडिया टुडे वेबसाइट पर छपी खबर के अनुसार अटकलें लगाई जा रही हैं कि राहुल गांधी अपने कजिन भाई और बीजेपी सांसद वरुण गांधी का भारत की सबसे पुरानी पार्टी इंडियन नेशनल कांग्रेस में स्वागत कर सकते हैं। आगरा के एक स्थानीय नेता का मानना है कि वरुण गांधी को जो जगह मिलनी चाहिए वह जगह उन्हें बीजेपी में नहीं मिल रही है। राज्य में मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर वरुण गांधी सबसे ज्यादा लायक थे लेकिन पार्टी द्वारा उन्हें पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया। इंडिया टुडे से बातचीत के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ मुस्लिम नेता हाजी जमीलुद्दीन ने कहा कि भगवा रंग वाली पार्टी में वरुण को नजरअंदाज किया जा रहा है।
जमीलुद्दीन ने कहा सार्वजनिक तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा पार्टी के किसी भी नेता को अपने ‘मन की बात’ कहने का मौका नहीं दिया जाता। वरुण गांधी बीजेपी के उन नेताओं में से एक हैं जो कि मोदी सरकार में अपनी बेबाक राय रखते हैं और उन्हें इसकी कीमत पार्टी द्वारा नजरअंदाज करके चुकाई जा रही है। यूपी में सत्ता में आने के बाद बीजेपी के कई समर्थकों ने वरुण गांधी का नाम मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर सबके सामने रखा था लेकिन उन्हें साइड कर योगी आदित्य नाथ को मुख्यमंत्री बना दिया गया।
जमीलुद्दीन के अलावा एक अन्य कांग्रेस वरिष्ठ नेता हाजी मंजूर अहमद ने कहा कि आगामी 2019 के लोकसभा चुनावों में एक सदस्य या पदाधिकारी के तौर पर वरुण गांधी को कांग्रेस कार्यकारिणी में शामिल किया जा सकता है। प्रियंका गांधी के समर्थन से वरुण गांधी और राहुल गांधी को पार्टी का मजबूत हिस्सा बनाया जा सकता है क्योंकि प्रियंका के वरुण के साथ बहुत ही अच्छा रिश्ता है। इतना ही नहीं अहमद ने यह भी कहा कि वरुण गांधी को बीजेपी से बाहर लाने और उन्हें कांग्रेस में शामिल करने में प्रियंका एक मुख्य स्रोत बन सकती हैं। अगर ऐसा होता है तो करीब 35 साल के बाद नेहरु-गांधी परिवार की एकता फिर से कायम होगी।
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