संजय ठाकुर.
मऊ। प्रदेश की राजनीती में अचानक विधानसभा चुनाव के समय से एक नया चेहरा उभर कर सामने आया जो कही न कही पूर्वांचल के युवाओ का आइकान बन कर उभरा. पिता मुख़्तार अंसारी की राजनैतिक विरासत संभाले अब्बास अंसारी ने राजनीती में पिछले निकाय चुनावों में बड़े धुरंधरो को जैसी पटखनी दिया है वह उनकी राजनितिक प्रतिभा को साबित करने के लिये काफी होगा. पिता के जेल जाने के बाद अपने ताऊ से रानीतिक पाठ पढते हुवे अब्बास ने विधानसभा चुनावों में जहा अपने जीवन के 25 सावन देखे वही दूसरी तरफ अपने पिता मुख़्तार अंसारी की सीट के साथ ही पूर्वांचल की कई सीट पर प्रचार के साथ खुद के चुनाव को देखना एक बड़ी मेहनत का काम है. इस दौरान अब्बास अंसारी खुद तो चुनाव नहीं जीत सके मगर दुसरे नंबर पर खड़े इस नवजवान ने विजय प्राप्त करने वाले प्रत्याशी और उसकी पार्टी को नाको चने चबवा दिया. इस चुनाव में अब्बास अपनी सीट तो नहीं बचा सके मगर पिता के अनुपस्थिति में उनकी सीट को जीत दिलवाने वाले अब्बास ने राजनीती में पहली सीढी सफलता पुर्वक पार किया.
इसके बाद निकाय चुनाव में जिस प्रकार तय्यब पालकी को जीत दिलवाया वह अब्बास के राजनितिक सूझ बुझ को ज़ाहिर करता है. जहा विपक्ष ने इस सीट पर अपनी पूरी ताकत झोक दिया था वही अब्बास ने अकेले बल पर इस सीट पर वोट को जिस प्रकार अपनी पार्टी के प्रत्याशी की तरफ मोड़ा वह बड़े राजनितिक जानकारों को भी दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर कर गया. इस जीत के बाद अब्बास अंसारी का अगला टारगेट घोसी लोकसभा है। अब्बास अंसारी अब लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गये हैं। हालांकि अभी चुनाव में काफी समय है लेकिन अब्बास का मानना है कि वे केवल चुनाव के लिए नही लोगों के लिए कार्य करते हैं ऐसे में हर दिन उनका चुनाव होता है।
अब्बास अंसारी की बात करें तो काफी कम दिनों में उन्होंने अपनी एक अलग छवि लोगों में बनाई है। पिता और अपने राजनीतिक गुरु मुख्तार अंसारी के जेल में रहने के बाद उनकी वरासत को संभालते हुए अब्बास अंसारी को बसपा ने हिंदू -मुस्लिम भाई चारा कमेटी की जोनल कोआडिनेटर बनाया। साथ ही बसपा ने उन पर विश्वास करते हुए चुनाव मैदान में उतारा।
बताते चलें कि मुख्तार अंसारी भी बीते समय में लोकसभा चुनाव लड़े थे और अच्छी स्थिति में रहे। ऐसे में अब मुख्तार अंसारी विधायक हैं और घोसी विधासभा से खुद अब्बास अंसारी ने विधानसभा चुनाव में दूूसरा स्थान हासिल किया था। इसके साथ ही अब्बास मुहम्मदाबाद गोहना और मधुबन और रसड़ा में भी पार्टी को मजबूत करने में जुटे हुए हैं। घोसी लोकसभा चुनाव के बारे में बातचीत में अब्बास ने कहा कि अगर बसपा मुखिया ने उन पर विश्वास जताया और टिकट दिया तो वे काफी दमदारी से लोकसभा का चुनाव लड़ेगे। अगर किसी दूसरे को लड़ाया गया तो उसको जीता कर देश की संसद में भेजने का काम किया जायेगा।
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