बिहार-वैसे तो बिहार की राजनीती अपने अक्सर ही चर्चा में रहती है, इस बार तो इसकी चर्चाओ ने देश की सरहद पार कर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी जगह बनाई है. इसकी वजह है बिहार के एक महोत्सव के दौरान चुम्बन प्रतियोगिता का आयोजन होना. झारखंड बॉर्डर पर पाकुर जिले में लोग एक-दूसरे को खुलेआम KISS करने लगे, विधायक की मौजूदगी में झारखंड में एक प्रतियोगिता में ये सब होता दिखा। झारखंड के लिट्टीपाड़ा में हर साल एक मेले का आयोजन होता है, जिसमें नाच-गाने के साथ-साथ और भी कई सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते हैं लेकिन इस बार मेले में चुंबन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जहां खुलेआम विवाहित जोड़ों ने घंटों तक एक दूसरे को चुंबन लिया और इसमें काफी देर तक चुम्मन लेने वाले विवाहित जोड़े को पुरस्कृत भी किया गया। इसका आयोजन झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ विधायक साइमन मरांडी की उपस्थिति में हुई, जिसमें विवाहित जोड़ों ने खुलेआम एक-दूसरे को चूमा।
जानकारी के मुताबिक ये अजीबोगरीब प्रतियोगिता बिहार-झारखंड बॉर्डर स्थित पाकुर में देखने को मिला। जहां आदिवासियों की संख्या काफी अधिक है और आए दिन इन लोगों के बीच किसी ना किसी बात को लेकर विवाद चलता रहता है तो हर साल यहां एक मेले का आयोजन किया जाता है। इस बार इस मेले के आयोजन में चुंबन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें विधायक साइमन मरांडी और प्रो. स्टीफन मरांडी के साथ-साथ दर्जनों लोग उपस्थित थे। वहीं सिदो-कान्हू मेले में हो रहे चुंबन प्रतियोगिता को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई।
मेले में कपल्स करने लगे KISS
जहां झारखंड में पहली बार आयोजित चुंबन प्रतियोगिता में 18 जोड़ों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतियोगी ने हजारों लोगों की मौजूदगी में निसंकोच करते हुए अपनी-अपनी पत्नी को घंटों तक चूमा और सबसे ज्यादा लंबे समय तक चुम्मा लेने वाले तीन जोड़ों को पुरस्कृत भी किया गया। ये प्रतियोगिता लिट्टीपाड़ा के विधायक साइमन मरांडी के गांव ताल पहाड़ी में हुआ। इस प्रतियोगिता के बारे में जब विधायक से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि इस जगह आदिवासियों की संख्या काफी अधिक है और आदिवासी एक दूसरे से प्यार करने और इजहार करने में संकोच करते हैं। इसीलिए प्रेम और आधुनिकता को बढ़ावा देते हुए ये प्रतियोगिता का आयोजन करवाया गया है।
संकोच दूर करने की खातिर रखी गई प्रतियोगिता
क्योंकि आदिवासी अपने दिल की बात ना बता पाने के कारण पति-पत्नी के बीच अक्सर झगड़ा होता रहता है। पढ़े-लिखे ना होने के कारण आदिवासी अपने परिवार को सामाजिक ढांचे में नहीं खेल पाते हैं, जिससे उनके व्यवहार और पारिवारिक रिश्ते कमजोर हो जाते हैं। इसीलिए चुंबन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया क्योंकि आदिवासी के मन के संकोच को दूर किया जा सके।
KISS देखने की खातिर भी जमा हुए लोग
आपको बता दें कि मेले में आयोजित चुंबन प्रतियोगिता को देखने के लिए यहां हजारों लोग अपनी निगाहें जमाए हुए थे, वहीं आदिवासी इस कार्यक्रम के बाद पहाड़िया नृत्य, गीत, लांगड़े नाच का भी आयोजन किया गया। जिस कार्यक्रम में झामुमो जिलाध्यक्ष श्याम यादव सहित कई नेता मौजूद थे। तो झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक के इस कार्यक्रम को निंदा करते हुए भाजपा विधायक साहेब हांसदा ने चुंबन प्रतियोगिता की निंदा की है।
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