गुंडागर्दी पर सांसद के बेटों पर गिरी मायावती की गाज, पार्टी से निकाला, बाप को भी दे डाली चेतावनी
शेख जव्वाद.
मेरठ. बसपा सुप्रीमो मायावती ने राज्यसभा सांसद मुनकाद अली के बेटों सलमान व फरमान को पार्टी से बाहर कर दिया है। यह भी कहा है कि सांसद को यदि पुत्र के खिलाफ की गई कार्रवाई बुरी लगती है तो वे पार्टी में रहने या छोड़कर जाने के लिए आजाद हैं।मायावती ने यहां एक बयान में सत्ता व संगठन में अपने पूर्व के तमाम सख्त फैसलों का हवाला देते हुए इस कार्रवाई का एलान किया। कहा कि पार्टी के राज्यसभा सांसद मुनकाद अली के बेटे की पत्नी हाल ही में मेरठ जिले की किठौर नगर पंचायत से पार्टी टिकट पर अध्यक्ष चुनी गई हैं।
पता चला है कि सांसद के बेटे सलमान वहां अपने कुछ समर्थकों के साथ एक दुकान पर जबरन कब्जा व एक दलित की दुकान में तोड़फोड़ करने में शामिल हैं। उन्होंने कहा, इसे अत्यंत गंभीरता से लिया गया और कानून हाथ में लेने की वजह से अली के बेटों को बसपा से निकाल दिया गया है। मायावती ने कहा, यदि सांसद को पुत्र के खिलाफ की गई कार्रवाई बुरी लगती है तो फिर वे भी पार्टी में रहने या ना रहने के लिए स्वतंत्र हैं। यदि वे पुत्र मोह से अलग हटकर पार्टी हित में इस फैसले का स्वागत करते हैं तो फिर पार्टी इन्हें आगे भी पूरा सम्मान देती रहेगी।
‘कानून के दायरे में रहकर क्षेत्र की सेवा करें’
मायावती ने निकाय चुनाव में जीते बसपा के लोगों को निर्देशित किया है कि वे भी कानून के दायरे में रहकर अपने क्षेत्र की सेवा करें। दूसरी पार्टियों की तरह कानून अपने हाथों में कतई न लें। बताते चलें कि बसपा से नसीमुद्दीन सिद्दीकी को पार्टी से बाहर करने के बाद मुनकाद अली ही मुख्य मुस्लिम चेहरा हैं। पर, बेटे की वजह से अब वे निशाने पर आ गए हैं।
मामला शांत करने को हुई कार्रवाई, हम पार्टी का काम करते रहेंगे : मुनकाद
इस संबंध में सांसद मुनकाद अली का कहना है कि वहां साजिश के तहत माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई थी। लोगों ने दलितों को आगे कर मुझे दलित विरोधी करार देने की कोशिश की। सोशल मीडिया का दुरुपयोग किया। उन्होंने कहा,वह हमेशा से दलितों का समर्थन करते आए हैं। माहौल को शांत करने के लिए बहनजी ने यह कार्रवाई की है। वह उनके फैसले का स्वागत करते हैं। सांसद ने कहा,मायावती मेरी नेता हैं और उनके हर आदेश का पालन करेंगे। पार्टी की जो जिम्मेदारी है उसका पालन करते रहेंगे।