गौरी फंटा मंडी खाली करवाने के लिए वन विभाग की ओर से भेजा गया एक और नोटिस

फारुख हुसैन 

लखीमपुर खीरी // पलियाकलां/गौरीफंटा : भारत नेपाल से सटी और दुधवा टाइगर रिजर्व के आरक्षित क्षेत्र में बसी गौरीफंटा मंडी को हटाने के लिये वन विभाग कोशिश में जुटा हुआ है और देखा जा ये तो मंडी को हटवाने के लिये सारे रास्ते बिल्कुल साफ ही दिखाई दे रहें हैं परंतु इसके बावजूद भी वन विभाग इस मामले को संजीदगी से लेता नहीं दिखाई दे रहा है।

परंतु अब लगातार बढ़ते दबाव के बाद एक बार फिर मंडी के व्यापारियों को नोटिस जारी किया गया है। जिसमें उन्हें खुद दुकानें हटा लेने की चेतावनी दी गई है। देखना दिलचस्प होगा कि यह नोटिस रंग लाता है या फिर यह भी केवल दिखावा बनकर रह जाएगा। हालांकि कुछ दुकानदारों ने नोटिस लेने से ही इंकार कर दिया। इससे पहले कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा था कि गौरीफंटा मंडी अवैध है और उसे हटाया जाना उचित है। इस संबंध में राज्य सरकार के अधीन आने वाली पुलिस, वन विभाग को स्पष्ट आदेश थे कि वे औपचारिकता पूरी कर मंडी को हटवा दें। लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से होने वाली कमाई के चलते किसी ने भी सीधे तौर पर मंडी हटाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई।

कोर्ट के आदेश से पहले बीते वर्ष वन विभाग की टीम ने जब मंडी हटाने का प्रयास किया था तो उन्हें व्यापारियों के जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा था। तब से लेकर अब तक सीधे तौर पर मंडी हटाने की कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। इस बीच कोर्ट का आदेश आया तो प्रशासनिक अमला भी हरकत में आ गया। दो महीने पहले एसडीएम ने मौके पर जाकर पैमाइश का काम करवाया था, लेकिन यह कवायद भी सिर्फ दिखावा बनकर रह गई ।

अब वन विभाग ने फिर से यहां बसे 14 दुकानदारों को नोटिस जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि वे सभी 31 दिसंबर तक कब्जा छोड़ दें, अन्यथा बलपूर्वक कब्जा हटवाया जाएगा। उधर दुकानदारों ने यह नोटिस मानने और लेने से इंकार कर दिया। उनका कहना है कि अभी हमारा मुकदमा हाईकोर्ट में विचाराधीन है। जबतक कोई फैसला नहीं आता वे लोग कब्जा नहीं छोडे़ंगे। हम लोग रिजर्व फारेस्ट नहीं बल्कि रेलवे की भूमि पर काबिज है, ऐसे में वन विभाग को कोई हक नहीं कि वे हमें इस तरह से हटाने का नोटिस जारी करें।

रेंज अधिकारी दीप चंद्र का कहना है कि मंडी के लोग केस हार चुके हैं, अब सिर्फ वे अवैध कब्जाधारी हैं। जिसके चलते कुल चार बार नोटिस दिया जा चुका है। अब अंतिम सूचना दी गई है, इसके बाद बलपूर्वक सभी को हटाया जाएगा

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