मऊ – पिता की राजनैतिक वरासत को आगे बढ़ाते हुवे अब्बास ने दिया राजनैतिक धुरंधरो को पटखनी
मऊ। जन प्रतिनिधि से क्षेत्र के लोगो को क्या चाहिये, साफ़ पानी, सड़के, बिजली. शायद इस परीक्षा में लगातार मुख़्तार अंसारी सफल होते रहे है. शायद यही वजह है कि अंसारी बंधुओ का आम जनता के दिलो पर राज चलता है शहर में. आप खुद देख ले वर्त्तमान निकाय चुनाव में कि केन्द्र और प्रदेश में भाजपा की सरकार होने के बावजूद जनपद में सदर के विधायक मुख्तार अंसारी की बादशाहत बरकरार रही। मुख्तार की अनुपस्थिति में उनकी राजनैतिक विरासत आगे बढ़ा रहे उनके पुत्र अब्बास अंसारी ने जिस तरह बूथवार तैयारियां की थी शायद उसका अंदाजा विरोधी नहीं लगा सके और नतीजा हुआ कि तय्यब पालकी की आंधी में राजनीती के मंझे खिलाड़ी समझे जाने वाले अरशद जमाल से लेकर भाजपा प्रत्याशी संजीव जायसवाल डिंपल तक उड़ गये। जीत भले तैय्यब पालकी की हुई हो लेकिन इस जीत से मुख्तार ने एक बार फिर से अपनी पकड़ दिखायी है। जनपद के एक नगरपालिका और 9 नगर पंचायत में आज दिसंबर की शुरुआत होते ही नये चेयरमैन मिल गए। साथ ही 173 वार्ड सभासदों के भाग्य का भी फैसला हो गया। मऊ नगरपालिका पर जहा बसपा का कब्जा हो गया। वहीं नगर पंचायतों पर निर्दलीय हावी रहे।
सारा श्रेय अब्बास अंसारी के कुशल नेतृत्व को
मुख़्तार अंसारी की राजनैतिक विरासत को सँभालते हुवे उनके पुत्र अब्बास अंसारी ने जीत के लिये जो रणनीति बनाया वह कसौटी पर खरी साबित हुई। ये रणनीति की ही देंन थी कि राजनैतिक धुरंधरो को धुल चटा कर अब्बास ने यह सीट बसपा के पाले में डाल दिया. पोलिंग के रोज़ इस नवजवान ने जिस राजनैतिक सूझ बुझ का परिचय देते हुवे मुस्लिम मतों को एकत्रित किया वह वास्तव में काबिल-ए-तारीफ है।
आज शुक्रवार की सुबह 7 बजे से मतगणना शुरू हो गयी। नगर पालिका मऊ की मतगणना कलेक्ट्रेट में तथा नगर पंचायतो की मतगणना संबंधित तहसीलों पर हुई। नगर पालिका मऊ पर बसपा प्रत्याशी तैय्यब पालकी ने सारे दावों को ध्वस्त करते हुए 25 हजार 74 मतों से अपनी जीत दर्ज किया। उन्होंने 54984 मत प्राप्त किया। दूसरे नंबर पर सपा के अरशद जमाल 29910 मत व तीसरे नंबर पर भाजपा के संजीव जायसवाल डिम्पल 27460 मत प्राप्त कर रहे।