दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नोह क्यो दाक ने यूएन महासचिव जेफ़्री फ़ेल्टमन के कोरिया प्रायद्वीप के संकट के शांतिपूर्ण समाधान की प्राप्ति के मार्गों की समीक्षा के लिए प्यूंग यांग के दौरे का स्वागत करते हुए बल दिया कि सियोल सरकार इस संकट के हल के लिए हर कोशिश का समर्थन करती है।
इस बात में शक नहीं कि दक्षिण कोरिया की सरकार अच्छी तरह जानती है कि उत्तर कोरिया के परमाणु व मीज़ाईल मामले के हल का एक मात्र रास्ता संबंधित पक्षों के बीच बातचीत है। क्योंकि किसी भी संभावित जंग छिड़ने की स्थिति में दक्षिण कोरिया और जापान उत्तर कोरिया के मीज़ाईल भंडार के निशाने पर होंगे और सबसे ज़्यादा नुक़सान उठाएंगे। यही वजह है कि दक्षिण कोरिया जापान से ज़्यादा कोरिया प्रायद्वीप के राजनैतिक मार्ग से हल का समर्थन कर रहा है। लेकिन कोरिया प्रायद्वीप के संकट के लिए छह पक्षीय बातचीत या द्विपक्षीय या कई पक्षीय बातचीत शुरु होने की पृष्ठिभूमि तय्यार होना सबसे अहम है। क्योंकि दक्षिण कोरिया और जापान क्षेत्र में अमरीका के दो घटक देश के रूप में संयुक्त सैन्य अभ्यास के आयोजन और दक्षिण कोरिया में थाड मीज़ाईल तंत्र के लगाने की वजह से क्षेत्र में शांति क़ायम करने में मदद करने से ज़्यादा क्षेत्र की सुरक्षा के पहले से ज़्यादा ख़तरनाक होने में सहायक बन रहे हैं।
बहरहाल ऐसे समय जब कोरिया प्रायद्वीप और पूर्वी एशिया की सुरक्षा स्थिति संवेदनशील है और अमरीका क्षेत्र में अशांति व अविश्वास की भावना को भड़का रहा है, संयुक्त राष्ट्र संघ अधिक सक्रिय रोल निभाकर कोरिया प्रायद्वीप में शांति व सुरक्षा क़ायम करने में मदद कर सकता है। क्षेत्र के देशों की ओर से संयुक्त राष्ट्र संघ के इस रोल का स्वागत होना, इसकी सफलता में मददगार बन सकता है।
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