समीर मिश्रा.
अमेरिका सीरिया में विभिन्न सैनिक छावनियां बनाने और इस देश को विभिन्न हथियारों के परीक्षण स्थल में परिवर्तित करने की चेष्टा में है। सीरिया के रक़्क़ा नगर की रेड क्रिसेन्ट सोसाएटी की प्रबंधक दुनिया अलअसद ने घोषणा की है कि आतंकवाद से मुकाबले के लिए अमेरिका की अगुवाई में बने तथाकथित अंतरराष्ट्रीय गठबंधन के युद्धक विमानों ने नगर के चिकित्सा केन्द्र को लक्ष्य बनाया है।
अमेरिका की अगुवाई वाले अंतरराष्ट्रीय गठबंधन के अपराधों में वृद्धि पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।इसी मध्य रूसी संसद डयूमा में अंतरराष्ट्रीय मामलों के आयोग के प्रमुख एलेक्सी पूशकोफ़ ने सुरक्षा परिषद से मांग की है कि वह अमेरिका की अगुवाई वाले गठबंधन के युद्धक विमानों द्वारा सीरिया में फास्फोरस बमों के प्रयोग की समीक्षा करे।
अमेरिका की अगुवाई में बने आतंकवाद विरोधी तथाकथित अंतरराष्ट्रीय गठबंधन ने आतंकवादी गुटों से मुकाबले के बहाने बारमबार सीरिया में आम नागरिकों को लक्ष्य बनाया है। यह उस स्थिति में है जब आधिकारिक रिपोर्टों के आधार पर अमेरिका और उसके पश्चिमी व अरब घटक दाइश सहित आतंकवादी गुटों के मुख्य समर्थक व जनक हैं।
पश्चिमी सरकारें सीरिया संकट का लाभ उठाकर इस देश में वर्चस्ववादी और अपने सैन्य लक्ष्यों को साधने की चेष्टा में हैं। इसी परिप्रेक्ष्य में अमेरिका सीरिया में विभिन्न सैनिक छावनियां बनाने और इस देश को विभिन्न हथियारों के परीक्षण स्थल में परिवर्तित करने की चेष्टा में है। अमेरिका की अगुवाई में बना तथाकथित अंतरराष्ट्रीय गठबंधन जिस चीज़ के प्रयास में है वह आतंकवाद से मुकाबला न करना है और अमेरिका तथा पश्चिमी सरकारें लोक- लुभावन नारों की आड़ में सीरिया की आधारभूत संरचनाओं को नष्ट करने, इस देश को कमजोर करने और आतंकवादियों को पराजित होने से रोकना चाहती हैं।
अमेरिका की अगुवाई में आतंकवाद विरोधी बने तथाकथित गठबंधन ने इराक और सीरिया में इन देशों की आधार भूत संरचाओं के खिलाफ जो हमले किये हैं वे इस बात के सूचक हैं कि दाइश से अमेरिकी मुकाबला मात्र दिखावा है। ज्ञात रहे कि अमेरिका की अगुवाई में आतंकवाद से मुकाबले के नाम पर बनने वाला गठबंन सुरक्षा परिषद की अनुमति के बिना गठित हुआ है और उससे विश्व की शांति व सुरक्षा गम्भीर रूप से ख़तरे में पड़ गयी है और इस गठबंधन से आतंकवाद के मुकाबले में न केवल कोई सहायता नहीं मिली है बल्कि हवाई हमलों के माध्यम से वह आतंकवादियों के समर्थन का कारण बना है और अमेरिका अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में किसी अपराध में संकोच से काम नहीं ले रहा है।
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