गोपाल जी,
भागलपुर जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल फिर रक्त देने के मामले में पुराना रवैया अपना रहा है। हद तो तब हो गई जब अस्पताल अधीक्षक के निर्देश की भी अवहेलना की गई। सर्जरी विभाग में भर्ती मरीज को उस समय रक्त दिया गया जब स्वास्थ्य मंत्री ने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को रात्रि में फोन किया। इसके पूर्व मरीज रक्त अधिकोष से लेकर इमरजेंसी का चक्कर लगाते रहे। इस मामले में अस्पताल अधीक्षक ने रक्त अधिकोष के प्रभारी समेत 11 स्वास्थ्य कर्मचारियों से स्पष्टीकरण पूछा है। रक्त नहीं मिलने पर मरीज के परिजनों ने हंगामा भी किया थे। साथ ही वीडियो भी दिखाया गया जिसमें रक्त के दलालों ने रक्त देने के एवज में पांच हजार रुपये की मांग की।
शनिवार को बांका निवासी नारायण यादव को सर्जरी विभाग में भर्ती किया गया। प्रभारी अस्पताल अधीक्षक डॉ. केडी मंडल ने रक्त अधिकोष के प्रभारी को बिना डोनर के एबी पोजेटिव रक्त देने का निर्देश दिया। लेकिन रक्त अधिकोष के टेक्नीशियन ने रक्त नहीं दिया। मरीज के परिजन रक्त अधिकोष से लेकर इमरजेंसी कंट्रोल रुम का चक्कर लगाते रहे। रक्त नहीं मिलने पर स्वास्थ्य मंत्री से शिकायत की। मंत्री द्वारा भी रक्त अधिकोष के चिकित्सा पदाधिकारी से भी संपर्क साधने का प्रयास किया गया लेकिन किसी ने भी कोई रिस्पॉस नहीं लिया। जब मंत्री ने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से रात 10 और 11 बजे के बीच बात की तब मरीज को रक्त दिया गया।
इनसे पूछा गया स्पष्टीकरण
रक्त अधिकोष प्रभारी डॉ. रेखा झा, प्रिंस आनंद, केशव कुमार, फतह आलम, विश्वदीप कुमार (टेक्नीशियन), डॉ. शत्रुध्न महतो, डॉ. उमर फारुख, डॉ. सचीन कुमार, डॉ. पवन कुमार (पीओडी, एसओडी),मधुकर और स्वास्थ्य प्रबंधक इरफान अहमद शामिल हैं।
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