गोपाल जी,
नालंदा, रोहतास, बेगूसराय, भागलपुर, शेखपुरा, नवादा, कैमूर, गोपालगंज, सहरसा, पूर्णिया, अरवल, वैशाली, पश्चिम चंपारण, मुजफ्फरपुर, मधेपुरा, कटिहार और बक्सर। ये वो 17 जिले हैं बिहार में जहां वर्ष 2016 के मुकाबले 2017 में अपराध में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
सूबे में होनेवाली कुल आपराधिक घटनाओं का 60 प्रतिशत सिर्फ 17 जिलों में हो रहा है। इलाका और थानावार अपराध की घटनाओं की समीक्षा के क्रम में यह बात सामने आई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अणे मार्ग में बुधवार को अपराध और शराबबंदी की समीक्षा की। आपराधिक घटनाओं के साथ शराबबंदी को लेकर सीएम के समक्ष प्रजेंटेशन भी दिया गया। चार घंटे चली बैठक में मुख्यमंत्री ने अपराध में वृद्धि वाले जिलों के एसपी और डीएसपी को बुलाकर समीक्षा करने का आदेश दिया। सीआईडी को यह जिम्मा सौंपा गया है।
हर हाल में हो किंगपिन की गिरफ्तारी, रिस्पांस टाइम भी तय हो
शराबबंदी की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की जाए। रिस्पांस टाइम निर्धारित हो। सूचनातंत्र में चौकीदार को शामिल करते हुए उत्तरदायी बनाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध रूप से शराब बेचनेवाले गिरोह में छोटे धंधेबाज तो पकड़े जाते हैं, लेकिन किंगपिन गिरफ्तार नहीं हो रहे। अफसरों को निर्देश दिया कि शराब के अवैध धंधे में शामिल बड़े सप्लायरों और माफिया को चिन्हित कर गिरफ्तार करें और उनके पूरे सिस्टम को ध्वस्त किया जाए।
प्रमुख सड़कों पर लगेंगे सीसीटीवी कैमरे
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य मार्ग समेत अन्य मुख्य सड़कों पर अपराध नियंत्रण और शराब लदे वाहनों पर नियंत्रण के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। हाल में गठित आईजी मद्य निषेध के कार्यालय में मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम को तत्काल लागू किया जाए। साधन सम्पन्न बनाने के लिए तत्काल आवश्यक संसाधन मुहैया कराने का निर्देश सीएम ने दिया।
शराबबंदी कानून के तहत की गई कार्रवाई का ब्योरा दिया गया
मुख्यमंत्री के समक्ष दिए गए प्रजेंटेशन में शराबबंदी कानून के तहत की गई कार्रवाई का ब्योरा दिया गया। बताया गया कि 2017 में केस में तीन गुना, जबकि गिरफ्तारी में चार गुना का इजाफा हुआ है। सबसे ज्यादा शराब की बरामदगी मुजफ्फरपुर जोन में हुई। शराब की सप्लाई मुख्य तौर पर हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और नेपाल से सटी सीमा से होता है। मुख्यमंत्री ने शराबबंदी में लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के साथ विभागीय कार्यवाही के जल्द निष्पादन का भी निर्देश दिया। बैठक में डीजीपी पीके ठाकुर, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, गृह विभाग के प्रधानसचिव आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधानसचिव चंचल कुमार समेत पुलिस मुख्यालय के वरीय पुलिस अफसर मौजूद थे।
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