नवादा/रजौली अनुमंडल के सिरदला प्रखंडशिव जगत के गुरु है,शिव को गुरु बनाने में कोई बंधन नहीं है,हिन्दू,मुस्लिम,सिख,ईसाई कोई भी व्यक्ति शिव को गुरु बना सकता है.यह बात इस काल खंड में पहली बार साहब हरिद्रानंद जी ने कहा.उक्त बाते सिरदला बाजार के फुलबगान डिजनी मैदान में आयोजित शिव गुरु परिचर्चा के मौके पर इस्लाम धर्म को मानने वाले बनारस से आये मो लियाकत अली खां ने कहा.
उन्होंने शिव गुरु चर्चा में आये हुए शिव शिष्यो को कहा कि प्रत्येक मानव एक ऊर्जा की पूजा करते है.उसी ऊर्जा को मुसलमान खुदा कहते है, हिन्दू ईश्वर या परमात्मा कहता है, ईसाई गॉड कहता है और सिख उसे वाहे गुरु कहते है. जैसे पिता को बाबूजी, फादर, डैडी तथा पानी को जल, वाटर, नीर, पानी तथा आव कहकर पीजिये वह प्यास बुझा ही देगा.
भागलपुर से आये शिव भक्त कृष्णदेव मतवाला ने भजन के माध्यम से शिव शिष्यो को बताया की इस कलि काल में सद्गुरु की घोर कमी हो गयी है. जिसके कारण मानवता संकट में आ गयी है. गुरु ही इस जगत के स्तम्भ है जो मानवता को जीवित रखते हैं. इसी कारण गुरुओं के गुरु महेश्वर को स्वयं गुरु के रुप में अपना बागडोर संभालने को विवश होना पड़ा. चूंकि शिव ईश्वर हैं इसलिए उन्होंने माध्यम के रूप में हरिद्रानंद जी को चुना. उन्हीं माध्यम से गुरु कार्य संचालित करने लगे. इस परिवार से जुड़ने में ईश्वर ने तीन सूत्र दिये. तीन सूत्रों में दयामई चर्चा करना ओम नमः शिवाय से प्रणाम निवेदित करना समेत अन्य बिंदुओं पर भी चर्चा की गई. इस शिव गुरु परिचर्चा के दौरान धर्मनिरपेक्ष आध्यात्मिक चर्चाओं में मौजूद बड़ी संख्या में शिव शिष्य के द्वारा समाज में सकारात्मक सोच के साथ दबे कुचलों की मदद करने की बात कही गयी. इस मौके पर शिव शिष्य नरेश प्रसाद,लक्षमण प्रसाद,चन्द्रिका प्रसाद आदि लोगो ने अपने अपने विचार रखे.
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