अनिल कुमार
बक्सर जिले के नंदन गाँव में मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के काफिले पर हुए हमले की जाँच पूरी हो गयी है । अगले सौ घंटे में जाँच अधिकारी सरकार को रिपोर्ट देंगे । जाँच अधिकारी की बात माने तो सीएम के काफिले पर हमला बड़ी प्रशासनिक चूक है । हमला करने की साजिश पहले से ही तय थी । सीएम के काफिले के गुजरने के लिए सीधे रास्ते की बजाए टेढे मेढे रास्ते का चयन किया जाना भी सवालों के घेरे मे है । सीएम के काफिले के मार्ग पर कई जगह पर ईट और पत्थर जमा करके रखा जाना और अधिकारियों का इस पर नजरअंदाज करना सुनियोजित साजिश का संकेत कर रहा है । सवाल यह भी है कि क्या पुलिस की नजर इन ईटों पर नहीं पड़ी थी ?
इस हमले में निशाने पर सिर्फ सीएम नीतिश कुमार ही थे । सुत्रों की बात माने तो इस यात्रा को लेकर सोशल मीडिया पर यात्रा को बाधित करने की चेतावनी कई दिनों से वायरल हो रही थी । इस यात्रा को बाधित करवाने में मुख्य विपक्षी दल के प्रमुख नेता का नाम भी सामने आया है । स्थानीय लोगों का कहना है कि यात्रा से ठीक पहले की रात में नंदन गाँव में बाहर के लोगों का जमावड़ा लगने लगा था । फिर भी पुलिस नजरअंदाज करते रही ।
वीडियो फुटेज के आधार पर गिरफ्तार लोगों के मोबाइल के काॅल डिटेल को खंगाला जा रहा है । घटना के दो दिन पहले और बाद के काॅल डिटेल के आधार पर पुलिस मास्टर माइंड तक पहुँचने का प्रयास कर रही है । जाँच टीम को सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो फुटेज से भी कई साक्ष्य मिले हैं ।
सीएम नीतिश कुमार के काफिले पर हुए हमले मे यह बात प्रथम दृष्टि मेरे ही साबित हो रही है कि यह हमला पूर्व नियोजित था और खुफिया तंत्र से लेकर एनडीए के स्थानीय नेताओं तक ने अधिकारियों को यात्रास्थल को लेकर आगाह किया था फिर भी इस बात की अनदेखी की गई ।
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