कानपुर. रविवार का दिन कानपुर में अपराधियों के नाम रहा या फिर कह सकते है कि दहशत के नाम रहा, आज शहर में एक के बाद एक हुई दो हत्याओं से दहशत का माहोल बन गया, कानपुर शहर में आज की सुबह ही हत्या से शुरू हुई थी। और उसके बाद रात भी हत्या के साथ हुई. पहली घटना में एक अधिवक्ता को अपनी जान गवानी पड़ी और दूसरी घटना में एक नवजवान का खून बहा और उसकी भी मौत हो गई.
वकील ने मारा वकील को गोली.
आज लगभग सुबह दस बजे ग्वालटोली थाना अंतर्गत परमट में दो अधिवक्ता सुनील और मोहित श्रीवास्तव में कुछ कहा सुनी हो गई. दोनों एक ही मोहल्ले के निवासी है, इस कहासुनी में बात बात इतनी बढ़ गई कि अधिवक्ता मोहित श्रीवास्तव की पत्नी ऋचा घर के अंदर से डबल बैरल राइफल निकाल लाई और अधिवक्ता सुनील पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. जिससे मौके पर ही सुनील की मौके पर ही मौत हो गई.
उस घटना से आस पास के लोगो मे हड़कम्प मच गया. वहीँ गुस्साए लोगों ने मोहित और उसकी पत्नी की जमकर पिटाई कर दी. मौके सूचना प्राप्त होने के बाद पहुची पुलिस ने दोनों को हिरासत में लेते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया. एस एस पी कानपुर अखिलेश कुमार ने बताया कि आरोपी मोहित के खिलाफ और भी कई मामलों में मुकदमे दर्ज है. दोनो हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. घटना के सम्बन्ध में कई बिंदुओं पर जांच की जायेगी।
नवजवान की गोली मार कर हत्या.
दिन तो सिर्फ यही ख़त्म नहीं हुआ. पहली घटना तो एक विवाद से शुरू हुई थी मगर दूसरी घटना का समाचार लिखे जाने तक कोई सूत्र तक हाथ नहीं लगा है. रात लगभग 11 बजे बजरिया थाना अंतर्गत कागज़ी मोहाल मस्जिद के पास जहीर अब्बास उर्फ शावेज़ की कुछ अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी, जो कि पेशे से एक एमआर था. शावेज़ पुत्र मज़हर अब्बास 101/239 कर्नलगंज 6 पाइप का निवासी था. इस हत्या के बाद कानपुर में दहशत का माहौल बन गया. ज्ञातव्य हो कि कर्नलगंज एक चहल पहल वाला एरिया है जहाँ काफी देर तक लोग अपने घरों से बाहर रहते है ऐसे इलाके में हत्या होने से एक दहशत का माहौल बन गया है
अपराधी लगातार अपराध पर अपराध करते जा रहे है और कानपुर पुलिस है कि कई के खुलासे तक नहीं हो पा रहे है, उदहारण के तौर पर व्यवसाई की हत्या जिसके लिये पुलिस अधीक्षक ने वायदा किया था व्यवसाई वर्ग से कि 3 दिन में खुलासा होगा. मगर आज महीनो गुज़र गए है सूत्रों की माने तो आज भी उस घटना का कोई सुराग तक नही तलाश पाई है पुलिस. वही हाल पत्रकार नवीन हत्याकांड की भी यही स्थिति है कि आज महीनो गुजरने के बाद भी पुलिस को हत्या का कारण तक नहीं पता है.
लेकिन साहेब हो भी क्या सकता है कानपुर पुलिस तो वाहन चेकिंग अभियान और चाय पान मसाले की दुकानें बंद कराकर ही अपनी पीठ थपथपा लेती है और साथ मे ऐसी ही अज्ञात घटनाओं की फाइलें भी बन्द कर देती है अज्ञात से साहेब ऐसी कई घटनाएं है जो याद आ रही जैसे कि विगत महीनों पहले चमनगंज थाना अंतर्गत भन्नाना पुरवा पर अज्ञात बदमाशों ने एक प्लास्टिक करोबारी विमल गुप्ता की बेहरमी से उसके दफ्तर में घुसकर हत्या कर दी थी जिसका खुलासा एक महीने के अंदर करने का पुलिस ने दावा किया था लेकिन जिसका खुलासा आज तक नही हुआ. इससे साफ प्रतीत हो रहा है की अपराधियों के अंदर प्रशासन का खौफ खत्म हो गया है अब देखना ये है कि प्रशासन शावेज़ की हत्या का खुलासा कर उसके परिवार को न्याय दिला पाता है या फिर प्लास्टिक कारोबारी विमल गुप्ता की तरह इस हत्या को ठंडे बस्ते में प्रशासन द्वारा डाला देगा.
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