कनिष्क गुप्ता.
इलाहाबाद : बोर्ड परीक्षा की घड़ी निकट आ चुकी है। अब आप दीवार की घड़ी को कम देखें। उसकी चाल को देखें। निरंतर चलना सीखें। निरंतर चलते रहने को अपने जीवन में शामिल करें। निरंतर अध्ययन ही सफलता की सीढ़ी है। जनवरी से ही केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) परीक्षा में बैठने वाले विद्यार्थियों को अपने पिछले वर्षो की मेहनत को साकार करने का अवसर प्राप्त होता है।
सीबीएसई की प्रायोगिक परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। प्रैक्टिकल परीक्षा के मार्क्स भी रिपोर्ट कार्ड में 30 अंकों का इजाफा कर सकते हैं। प्रायोगिक परीक्षाएं भी थ्योरी से जुड़ी होती हैं। इसके लिए फार्मूले की समझ और मौखिक प्रश्नों का अभ्यास लाभकारी होगा। प्रोजेक्ट की रिपोर्ट तैयार करते समय क्रमबद्ध सूची, भाषा तथा वास्तविक जीवन में उपयोग को सही रूप में समझाया जाना चाहिए। मार्च में होने वाली थ्योरी की परीक्षा के लिए तीन प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान देना आवश्यक है। पहला परीक्षार्थियों में आत्मविश्वास होना चाहिए। इससे उन्हें भरपूर अंक मिलेंगे। दूसरा समय संचालन, विषय शिक्षकों द्वारा दिए निर्देश का पालन और सही खान-पान और भरपूर नींद आवश्यक है।
परीक्षा दे रहे सभी परीक्षार्थियों को स्वंय पर भरोसा होना चाहिए। परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन के लिए सीबीएसई की वेबसाइट पर उपलब्ध सभी विषयों के सैंपल पेपर अपने विषयों के चुनाव के अनुसार डाउनलोड करें। लघु, मध्यम एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों के लिए समय निर्धारित कर लें। प्रश्नों को हल करें और अपने विषय अध्यापकों को अवश्य दिखाएं।
आत्म विश्लेषण के तौर पर यह जरूर देखें कि आप पेपर समय पर पूरा कर पा रहे हैं या नहीं। किन प्रश्नों पर आपका ज्यादा ध्यान खर्च हुआ। किन टॉपिक्स के प्रश्नों के उत्तर आप नहीं दे पाए। प्रश्नों की संख्या एवं क्रम अवश्य चेक कर लें। इन दिनों अपनी दिनचर्या पर अवश्य ध्यान दें। ज्यादा देर एक स्थान पर न बैठें, सुबह-शाम व्यायाम अवश्य करें। कम से कम छ: घंटे की नींद अवश्य लें। चाय, काफी के स्थान पर सूप और जूस का सेवन बेहतर रहेगा। हल्का और सुपाच्य भोजन करें। – रविंदर विरदी, श्री महाप्रभु पब्लिक स्कूल एंड कालेज शिवकुटी इलाहाबाद।
अच्छे अंकों के लक्ष्य का निर्धारण महत्वपूर्ण
काउंसिल फार द इंडियन स्कूल सर्टीफिकेट आगामी सात फरवरी और इंडियन स्कूल सर्टीफिकेट एक्जामिनेशन की परीक्षा 26 फरवरी से शुरू हो रही हैं। इस परीक्षा के लिए छात्र छात्राओं के पास पढ़ाई का पर्याप्त समय है। दोनों कक्षाओं के छात्रों को कठिन विषयों पर अधिक एकाग्र होना चाहिए। परीक्षा के लिए लक्ष्य तय करना जरूरी है। अपनी क्षमता देखकर ही अपना लक्ष्य तय करें। वरना बाद में निराशा होगी। अगर आप 9वीं एव 11वीं कक्षा तक 75 प्रश्न अंक लेकर पास होते रहे हैं तो अपना लक्ष्य भी 85 से 95 प्रतिशत अंकों का ही रखें। कोशिश करें कि पाठ्यक्रम का कहीं से कोई कोना छूटे नहीं। ध्यान रहे, लगातार कई घटों तक पढ़कर कोई बच्चा अच्छे अंक प्राप्त नहीं कर सकता।
सब्जेक्ट का व्यावहारिक ज्ञान आवश्यक है। परीक्षा को तनाव के साथ नहीं बल्कि हल्के मूड के साथ पढ़े। ऐसा तभी होगा जब आप नियमित पढ़ाई के लिए समय देंगे। पढ़ाई के साथ सुबह की सैर के साथ-साथ थोड़ा-बहुत व्यायाम व खेलकूद भी जरूरी है। इससे शरीर को नई चुस्ती-फुर्ती मिलती है, जो कि शारीरिक व मानसिक विकास के लिए बहुत जरूरी है। परीक्षा के तनाव को कम करें। नए चैप्टर की शुरुआत के स्थान पर जो पढ़ा है उसपर ध्यान दें। परीक्षा को लेकर यदि आप ज्यादा तनाव में हैं, घबराहट या बेचैनी हो रही है तो घर के किसी सदस्य को या फिर करीबी मित्र को बताएं। पढ़ाई करते समय स्वयं को संतुलित रखें। खुशी मन के साथ पढ़ाई करें। परीक्षा को ख़ुशी-ख़ुशी लें। समझ लें कि सालभर पढ़ा लिखा है उस प्रतिभा को दिखाने का समय आ गया है। – फादर रॉल्फी डिसूजा, प्रधानाचार्य सेंट जोसफ कालेज
रणनीति बनाकर करें तैयारी, मिलेंगे भरपूर अंक
परीक्षा में अधिक अंक लाने के लिए आपकी रणनीति बेहद स्पष्ट होनी चाहिए। आपको विषयों के हिसाब से भी स्व मूल्यांकन करना चाहिए। विशेषकर लेखनी और लेखन शैली पर अधिक ध्यान देना होगा। भरपूर अंकों के लिए आपकी राइटिंग का अच्छा होना आवश्यक है। स्वच्छ और स्पष्ट शब्द एवं वाक्य बनाने का प्रयास करें। विज्ञान विषयों के छात्र थ्योरी, न्यूमेरिकल एवं सूत्रों को स्पष्ट लिखें। बेहतर अंकों के लिए समय प्रबंधन महत्वपूर्ण कारक है। सभी प्रश्नों के अंकों को आधार बनाकर अधिक एवं कम समय के साथ हल करें।
प्रश्नों को हल करते समय महत्वपूर्ण तथ्यों एवं बिंदुओं को हाईलाइट अवश्य करें। किसी भी प्रश्न पर निरर्थक समय न दें। ऐसे में थकान होगी और आपकी ऊर्जा का क्षरण भी। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि सभी प्रश्नों को ठीक ठाक तरीके से पढ़ा जाए। प्रश्नों को पूरी तरह हल करने के बाद कॉपी को पुन: चेक अवश्य करें। एक जागरूक विद्यार्थी को इसकी पहचान होनी चाहिए तथा परीक्षा की तैयारी के मद्देनजर इस पर अमल करना जरूरी है। आपको विषय को एक तथ्यपरक संकलन के रूप में विकसित करना चाहिए। परीक्षा के समय उसी पर केंद्रित होना चाहिए। – आस्था सिंह, – वर्ष 2017 में इंटरमीडिएट की टॉपर
शफी उस्मानी डेस्क: एसटीएफ ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हथियार सप्लाई करने वाले एक आरोपी…
आफताब फारुकी डेस्क: महाराष्ट्र में चुनावी जीत के बाद महायुति गठबंधन में शामिल एनसीपी (अजित…
मो0 कुमेल डेस्क: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने…
तारिक खान डेस्क: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने रविवार को कहा है…
फारुख हुसैन डेस्क: शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव…
आदिल अहमद डेस्क: उत्तर प्रदेश के संभल ज़िले में शाही जामा मस्जिद को लेकर हुए…