Categories: Health

सीएमओ साहब नाराज़ न होना, बलिया के सरकारी अस्पताल में मोबाइल के टार्च की रोशनी में होता है इलाज

अंजनी राय 

बलिया।। देखिये हम पहले ही सीएम्ओ साहब कह दे रहे है कि हम लोग सच दिखाते है. अगर खबर है तो दिखेगी. अब साफ़ साफ़ बात दिखाना है तो कुछ कड़वा सच तो रहेगा ही. मगर साहब आप नाराज़ न होना. आप नाराज़ हो जाते है तो इसीलिये आपको साफ़ साफ़ पहले ही कह दे रहे है कि आप नाराज़ न होना आपके कार्यक्षेत्र में मोबाइल के टार्च की रोशनी में सरकारी अस्पताल में इलाज हो जाता है. कहने तो तो जनरेटर है, देने को सरकार इसके डीज़ल का पैसा देती है मगर साहब अब सरकारी कर्मचारी क्या ज़हमत उठाये इसको चालु करने की तो वो मरीजों के तीमारदारो से कह देते है कि तनिक मोबईल्वा जलवा त बस दू मिनट में इलाज हो जाई. कभी कभी तो खुद का ही मोबाइल जला देते है बड़ा सहयोग करते है हम खाली शिकायत नहीं कर रहे है. काफी सहयोग करते है और कभी किसी तीमारदार अथवा मरीज़ का खुद का मोबाइल बढ़िया नहीं रहता है तो वह खुद के मोबाइल को जला (मोबाइल की टार्च जला) देते है.

प्रकरण रसड़ा सामुदायिक स्वास्थ केंद्र का है जहा पर वैसे तो तमाम दु‌र्व्यवस्थाये है लेकिन जब-जब इस क्षेत्र में बड़ी दुर्घटनाएं घटित हुई हैं तब-तब इस सीएचसी की वास्तविक दु‌र्व्यवस्थाएं उजागर हो ही जाती हैं। बुधवार को जब रसड़ा-तिराहीपुर मार्ग के कटहुरा ग्राम के मोड़ पर मौनी बाबा देवा गिरधारी महाविद्यालय में शिक्षारत बीटीसी की दस छात्राएं सड़क दुर्घटना में घायल होकर इलाज के लिए रसड़ा सीएचसी पहुंचायी गई तो वार्डो में अंधेरा व्याप्त था। इस बीच चिकित्सकों ने लोगों द्वारा जलाए गए मोबाइल की रोशनी में उनका इलाज करना शुरू किया। लोगों के काफी निवेदन के बाद भी जनरेटर नहीं चलाया गया।

एक तरफ जहां पर्याप्त रोशनी का अभाव था तो दूसरी तरफ चिकित्सकों की कमी भी साफ नजर आई। ऐसा नहीं कि यहां पहली बार इस प्रकार की दु‌र्व्यवस्था उजागर हुई है जब-जब बड़ी दुर्घटनाएं घटित होती है तब-तब यह अस्पताल पूरी तरह असहाय दिखाई देने लगता है। इन परिस्थितियों में मरीजों की जान तक चली जाती हैं। यह अस्पताल अपनी रवैये में कब सुधार लाएगा यह तो वक्त ही बताएगा, किंतु जिस तरह से आए दिन असुविधा दिखाकर मरीजों के इलाज के नाम पर खिलवाड़ किया जा रहा है। किसी न किसी दिन इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है। इस दिशा में सुधार के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है।

अब देखिये सीएमको साहेब, पिछली बार हमने आपको एक वीडियो दिखाया था कि आपके सियर प्राथमिक स्वास्थ केंद्र में कुत्ता काटने के इंजेक्शन के एवज में अर्थ व्यवस्था होती है, आप नाराज़ हो गये थे और कहा कि जो देता है उसके खिलाफ मुकदमा होगा. साहब सही कहा था आपने क्योकि देने के बाद जनता की हिम्मत कैसे हो गई जो शिकायत कर दे. आपकी नाराजगी सही थी साहब. उसके बाद आप स्वयं सीयर गये भी थे, सम्बंधित फार्मासिस्ट को आपने खूब डांट भी पिलाई थी. इस बार साहब ये प्रकरण थोडा बड़ा है. ये दस बीस रुपयों वाला प्रकरण नहीं है हम डीज़ल का हिसाब भी नहीं मांगेगे हम यह भी नहीं कहेगे की जेनेरेटर क्यों नहीं चालु किया गया, हम बस इतना जानना चाहते है कि इस रोशनी की वैकल्पिक व्यवस्था का अगर बुरा असर मरीज़ के स्वास्थ पर पड़ा तो उसका जवाबदेह कौन होगा ?

pnn24.in

Recent Posts

अजमेर दरगाह मामले पर बोले ओवैसी ‘आखिर भाजपा और आरएसएस वाले मस्जिद दरगाहो को लेकर क्यों इतनी नफरत पैदा कर रहे है’

ईदुल अमीन डेस्क: अजमेर शरीफ़ दरगाह के अंदर शिव मंदिर होने के दावे को लेकर…

15 hours ago

बुलंदशहर में शहद चोरी करने के आरोप में 9 साल चला मुकदमा और दोष सिद्धि पर हुई 4 साल, 7 महीने और 11 दिन की सजा

शफी उस्मानी डेस्क: बुलंदशहर की एक अदालत ने एक निजी मधुमक्खी पालन केंद्र में चोरी…

16 hours ago

अजमेर दरगाह मसले पर बोले सपा नेता रामगोपाल यादव ‘इस तरह के छोटे छोटे जज इस देश में आग लगवाना चाहते है’

मो0 कुमेल डेस्क: अजमेर दरगाह के शिव मंदिर होने के दावे के साथ दाखिल याचिका…

16 hours ago