जितेन्द्र कुमार.
कौशाम्बी. सरकारी गल्ले की दुकान ( कोटा) से त्रस्त हो रही है जनता। अधिकारियों की रोज -रोज की नियमावली से जनता में सरकारी गल्ले की दुकान (कोटा) व कोटेदार के खिलाफ काफी रोष व्यक्त कर रहे है। सरकार व अधिकारियों द्वारा नियम आया कि राशन कार्ड को आधार कार्ड व बैंक खाता से जुड़वाया जाए।
इस नियमावली का उद्देश्य यह है कि आधार कार्ड, बैंक खाता, अगर राशन कार्ड से जुड़ जाते है तो इससे काफी फायदा होने वाला है। राशन कार्ड से आधार कार्ड, खाता संख्या जुड़ने से ये साबित हो जाएगा कि जिसके फ़र्ज़ी राशन कार्ड है , जो अपात्र होने के बावजूद राशन उठा रहे है और बेचारे जिन्हें असल में राशन मिलना चाहिए वो इससे कोसो दूर है। ये जो नियम बनाया गया वो जनता के हित के लिए लागू किया गया है। लेकिन गाँव की जनता नियम को न समझते हुए विरोधाभास की भावना बना रखी है। कई बार समझाने के बाद भी जनता में रोष बना हुआ है। जनता का कहना है कि 2 महीने के अंदर तकरीबन 4 बार आधार कार्ड की फोटोकॉपी मांगी जा चुकी है। इसी बात को लेकर ग्रामीणों में रोष की भावना उत्पन्न हुई।
ग्राम सभा पल्हाना के कोटेदार अनूप मोदनवाल के चाचा रमेश चन्द्र जो कोटे की दूकान चलाते है और वही सब देखभाल करते है से बातचीत करने पर पता चला कि जांच अधिकारी ने मीटिंग कर राशन कार्ड को आधार व बैंक खाते से जुड़ाने का निर्देश दिया है। जिससे उसी को ये लाभ मिल सके जो असिल में इस लाभ को प्राप्त करने का अधिकार है। अगर ऐसा होता है तो केवल वही राशन पाने का का हकदार होगा जो वाकई पात्रता रखता है। बार बार कार्ड धारको से जब आधार कार्ड की कापी मांगी जाती है तो हम बार बार माँगते है. वर्तमान में खाद्य निरीक्षक का आदेश है.
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