नवादा. वैसे तो हैंडपंप इंसान की प्यास बुझाने और पानी की आवश्यकता की पूर्ति हेतु होता है. मगर जब यह हैण्डपम्प केवल शोभा की वास्तु बनकर रह जाये तो इसकी आवश्यकता और लोगो की आवश्यकता अलग अलग हो जाती है, इसका जीता जागता उदहारण है नवादा शहर में लगे दर्जनों हैण्डपम्प जो प्यास बुझाने के लिये पानी तो नहीं दे पा रहा बस शोभा की एक वास्तु के तरह शहर की शोभा बढ़ा रहा है.
हर घर नल हर घर जल की व्यवस्था सरकार कर रही है. ये फ़ोटो नवादा कलाली रोड स्तिथ काली मंदिर के पास की है. जंहा दो चापाकल एक साथ लगी है इसमें न् तो हैंडल न् पैंडल ये एक शोभा की वस्तु बन कर रह गई हैं मगर सवाल उठता हैं कि जंहा सुशासन की सरकार की एक चला रही ”हर घर नल हर घर जल” ये एक सरकार की एक अच्छी पहल हैं. मगर पहले से लगे शहर में दर्जनों चापाकल ऐसे हैं जो कि सिर्फ शोभा की बस्तु बन कर रह गई है पर इस पर किसी का धयान नही है। वर्षो से बंद पड़े इस चापाकल को लेकर आस पास के लोगों व राहगीरों में काफी आक्रोश हैं।
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