गोपाल जी,
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुशासन के दावों के बावजूद बिहार में अपराध की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामला राज्य के पश्चिमी चंपारण जिले का है। यहां एक लड़की का दो महीने के भीतर दूसरी बार अपहरण किए जाने का मामला सामने आया है। घटना के बाद से अपहरणकर्ता फरार बताए जा रहे हैं। जिले की पुलिस केस दर्ज कर मामले की जांच में जुट गई है। बदमाशों ने इससे पहले दिसंबर में भी इसी लड़की का अपहरण किया था, लेकिन पुलिस ने उसे बदमाशों के चंगुल से छुड़ा लिया था।
जबरन शादी के लिए दिसंबर में अपहरण
मामला पश्चिमी चंपारण जिले में मनुआपुल थाना क्षेत्र के सेमेरा पारसा गांव का है। यहां सोमवार को एक नाबालिग लड़की को कुछ बदमाशों ने किडनैप कर लिया। इससे पहले दिसंबर 2017 के पहले सप्ताह में भी इस लड़की का अपहरण किया गया था। अपहरण करने वालों में से एक युवक लड़की से जबरदस्ती शादी करना चाहता था। हालांकि पुलिस ने 17 दिसंबर को लड़की को अपहरणकर्ता के चंगुल से बचा लिया। अब फिर से इसी लड़की का अपहरण कर लिया गया है।
परिजनों को केस वापस लेने की धमकी
पुलिस को दी गई शिकायत में लड़की की मां ने आरोप लगाया है कि अखिलेश शाह, मनोज और आनंदी शाह ने ही फिर से उनकी बेटी का अपहरण किया है। इन्हीं लोगों ने पहले भी उनकी बेटी का अपहरण किया था। लड़की की मां ने बताया कि सोमवार को तीनों युवक उनके घर में घुस गए और बंदूक की नोंक पर उनकी बेटी का अपहरण कर लिया। तीनों युवकों ने परिजनों को धमकी दी कि अगर उनके खिलाफ दर्ज कराया गया पहले वाला केस वापस नहीं लिया वे उनकी बेटी को जान से मार देंगे।
पुलिस ने नहीं दिखाई गंभीरता
महिला ने बताया कि गांव के लोगों ने जब इनका पीछा करने की कोशिश की तो बदमाशों ने उनके ऊपर भी फायर कर दिया। लड़की की मां ने बताया कि घटना के तुरंत बाद जब वह इस मामले की शिकायत लेकर स्थानीय पुलिस के पास गई तो उन्होंने उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया। यहां तक कि पुलिस ने बदमाशों का पीछा करने की भी कोशिश नहीं की। गौरतलब है कि इस जिले में पिछले दो महीने के भीतर नाबालिगों की किडनैपिंग, हत्या और रेप की यह तीसरी घटना है।
बदमाशों की तलाश में जुटी पुलिस
पश्चिमी चंपारण के एसपी जयंत कांत ने बताया कि अपहरणकर्ताओं ने इस बार लड़की को किडनैप कर उससे अपने परिजनों पर दबाव बनाने के लिए कहा है कि वो दिसंबर में दर्ज कराया गया अपहरण का केस वापस लें। उन्होंने बताया कि दिसंबर में जब लड़की को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से बचाया गया था तो परिजनों ने आरोपियों पर छेड़छाड़ या रेप का मुकदमा लिखवाने से इंकार कर दिया था, इसलिए पुलिस ने उस समय लड़की की मेडिकल जांच पर जोर नहीं दिया था। उन्होंने बताया कि तीनों युवक इसी गांव के रहने वाले हैं और दिल्ली में किसी फैक्टरी में काम करते हैं। सभी आरोपी फरार हैं। पुलिस इनकी तलाश में जुट गई है।
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