कनिष्क गुप्ता.
इलाहाबाद : दलित छात्र दिलीप हत्याकांड की जांच करने आए भाजपा प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे प्रदेश उपाध्यक्ष लक्ष्मण आचार्य ने पुलिस-प्रशासन के काम की सराहना की। सर्किट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि घटना अत्यंत दु:खद है, जिसकी भरपाई नहीं हो सकती। परंतु सरकार की सख्ती के चलते घटना में शामिल सारे आरोपी जल्द गिरफ्तार हो गए। पुलिस-प्रशासन ने घटना का पटाक्षेप करने में जितनी तत्परता बरती वह सराहनीय है। परन्तु वही विपक्ष पटाक्ष करने का कोई मौका भी नहीं छोड़ रही है. आलोचकों द्वारा अर्चा है कि भाजपा के शासन में जिस प्रकार से दबंगों ने घटना को अंजाम दिया और मौके पर पुलिस काफी देर बाद पहुची वह सरकार की कार्यशैली को साबित करने के लिये काफी है.
खैर भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि देश में संवेदनशील सरकार है, जो समाज के हर वर्ग के लिए चिंतित है। यही कारण है कि छात्र दिलीप की हत्या के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पीड़ितों से मिलने उनके घर गए। परिजनों को मुआवजा देने के साथ अपराधियों को बिना देर किए पकड़ा गया। मृतक दिलीप के भाई का भी कहना है कि उसे पुलिस से सहयोग मिल रहा है।
मृतक के पिता द्वारा छोटे बेटे के लिए नौकरी की मांग पर उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें यथासंभव उचित सहयोग देगी। बताया कि घटना की जांच के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय ने चार सदस्यीय टीम गठित करके हमें यहां भेजा था, हम उन्हें अपनी रिपोर्ट देंगे। घटना को लेकर विपक्ष द्वारा सरकार को निशाने बनाने पर कहा कि किसी संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति करना अनुचित है। इसके पहले लक्ष्मण आचार्य के साथ आ रहे सांसद कौशल किशोर, विधायक डॉ. अजय भारती एवं रामनरेश रावत को पुलिस ने एमएनएनआइटी के पास रोक लिया। आचार संहिता व कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए उन्हें घटनास्थल पर न जाने की गुजारिश की। पुलिस-प्रशासन की गुजारिश पर सारे नेता सर्किट हाउस चले गए। वहीं घटना के विरोध में आंदोलन कर रहे छात्रों ने लक्ष्मण आचार्य से मुलाकात की। लक्ष्मण ने उनसे कहा कि सारे आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, इसलिए वह आंदोलन खत्म कर दें।
मृतक के परिजनों से मिले भाजपाई
भाजपा का प्रतिनिधिमंडल वरिष्ठ नेता विभवनाथ भारती के नेतृत्व मृतक छात्र दिलीप के प्रतापगढ़ जिला के हथिगवां थानाक्षेत्र के भुलसा गांव गया। विभवनाथ ने मृतक के पिता से घटना की भर्त्सना करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार दु:ख की घड़ी में उनके साथ है। सारे आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, उन्हें कड़ी सजा दिलाई जाएगी।
बड़ा सवाल
उपचुनावों को देखते हुवे भले सत्तारूढ़ दल इस गिरफ़्तारी पर खुद की पीठ थपथपाये मगर कार्यशैली पर तो बड़े प्रश्न चिन्ह लग ही रहे है. जिस प्रकार दबंगों द्वारा सरेराह यह घटना को अंजाम दिया गया और घटना होने के बाद पुलिस काफी देर बाद पहुची वह प्रदेश के पोलिसिंग व्यवस्था पर भी सवाल उठा रही है. भय मुक्त समाज की स्थापना हेतु भाजपा के दावे भले धरातल पर अपना अस्तित्व तलाश रहे हो मगर चुनावी माहोल में इसका लाभ उठाने से सत्तारूढ़ दल और विपक्ष चुकना नहीं चाहता है,
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