कनिष्क गुप्ता
इलाहाबाद : मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा दिया गया 25 लाख का बजट खाते में डंप पड़ा हुआ है। वित्तीय वर्ष बीतने को है लेकिन अभी तक महज डेढ़ लाख रुपये के बजट से कुछ ही बच्चों की आंखों का आपरेशन किया गया है। जबकि इस बजट से इलाहाबाद, मिर्जापुर व चित्रकूट मंडल के बच्चों के कटे ओठ व तलवे, कूल्हे आदि की सर्जरी की जानी थी।
प्रदेश के सभी जनपदों में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत गठित टीम द्वारा जन्म से 18 वर्ष तक के बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाना है। इन सभी बच्चों के निश्शुल्क इलाज के लिए जिला अस्पताल या मेडिकल कॉलेज को रेफर किए जाने का प्रावधान है। चालू वित्तीय वर्ष में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा मोतीलाल नेहरू मेडिकल को 25 लाख रुपये का बजट दिया गया था। इसमें 18 वर्ष से कम आयु तक के बच्चों के कटे हुए ओठ व तलवे, कान, आंख, मुड़े हुए पैर, कूल्हे व आंखों का आपरेशन किया जाना चाहिए था। यह बजट मेडिकल कॉलेज के जिम्मेदार लोगों की लापरवाही की भेंट चढ़ गया। बजट तो मिला लेकिन वह खाते में ही पड़ा रहा। इस बजट से अभी तक महज 22 बच्चों के आंखों की सर्जरी हुई है, जिसकी लागत डेढ़ लाख रुपये दिखायी गई है। बाकी अन्य विभागों ने इस बजट का इस्तेमाल ही नहीं किया। ‘राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जो बजट दिया गया था उसमें अभी कुछ ही खर्च किया गया है। पता किया जाएगा कि अब क्या स्थिति है।’
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