बहराइच बी.एस.ए ऑफिस अगर नींव ही कमजोर हो तो इमारत को जमीदोज होने में समय नही लगता ऐसा ही कुछ माजरा शिक्षा विभाग के आलाहुक्मरानों का भी है जिन अधिकारियों के निर्देशन में बच्चे शिक्षा का ककहरा ग्रहण करते है।
शिक्षक उन्हें अक्षर, मात्रा, कामा, बिन्दी, व्याकरण, के सांचे में ढालते है अगर उनके आला हुक्मरानों के जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय के बिल्डिंग के लिखाई में ही गलतियां हो तो सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है जिले में नवनिहालो के शिक्षा का स्तर क्या होगा। जरा बिल्डिंग पर लिखी बी, एस, ए, आफिस बहराइच को गौर से देखे तस्वीरे झूठ नही बोलती। जब अंग्रेजी के अक्षर में लिखे जिले का नाम ही गलत हो सकता है तो बच्चों के शिक्षा के स्तर का अंदाजा लगाइए।
लिखने वाले ने बहराइच का नाम ही बेहराइच लिख दिया है काफी दिनों से लिखे बीएसए कार्यालय के इन अक्षरों की गलतियों पर बेसिक शिक्षा के मुखिया की भी नजर नही पड़ी। ये घोर आश्चर्य की बात बात है जब वो अपने जनपद के कार्यालय की गलतियों पर ध्यान नही दे सकते। तो उनसे जिले की शिक्षा का स्तर सुधारने की बात की उम्मीद रखना बेमानी है। कहते है की अक्ल का प्रयोग न हो तो नकल भी नही की जा सकती लेकिन जिले में बेअन्दाज शिक्षा के अफसरों का रवैय्या बेहद लापरवाही भरा है।और पढ़े लिखे नागरिक जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर गलत लिखे अक्षरों को पढ़ कर उन्हें उपहास का पात्र बनाते है।
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