बलिया : नगरा एक करोड़ रुपये की लागत से एक दशक पूर्व बनी नगरा की पानी टंकी विभागीय उपेक्षा के चलते शोपीस बनी हुई है। बाजार में पाइप बिछाए जाने के बाद भी नगरावासियों को स्वच्छ जल मुहैया नहीं हो सका है। एक दशक पूर्व जब इस टंकी का निर्माण हुआ था तो लोगों को लगा कि अब उन्हें स्वच्छ जल मिल सकेगा। इसके बावजूद आज तक टंकी से जलापूíत नहीं हो सकी। अब तो टंकी भी जर्जरावस्था में पहुंच चुकी है। उसमें से पानी का रिसाव होने लगा है। आरोप है कि टंकी पर एक आपरेटर की नियुक्ति भी है ¨कतु उसका दर्शन कभी नहीं होता। समाजसेवी विजयशंकर यादव का कहना है कि जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से टंकी बदहाल स्थिति में है। शिक्षक राजबहादुर ¨सह कहते हैं कि विभागीय लापरवाही से टंकी शोपीस बनी हुई है। व्यापारी नेता कृपाशंकर बरनवाल का कहना है कि नगरावासियों को स्वच्छ जल मिल सके इसके लिए जनप्रतिनिधियों को प्रयास करना चाहिए।
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