सुमित भगत ( सन्नी )
पटना : इस सीजन में पान, लस्सी और कोल्ड ड्रिंक की दुकान पर नीरा की बिक्री होगी। जीविका यह कार्य राज्य के सभी प्रखंडों में नीरा उत्पादक समूहों का गठन करके करेगा। अभी तक 488 उत्पादक समूहों का गठन किया गया है। उत्पादक समूहों के द्वारा नीरा टैपर से नीरा का संग्रह करके उसका उपयोग करेगा। यह कंफेड सुधा को उपलब्ध करवाया जाएगा। हालांकि सरकार ने नीरा टैपिंग के लिए लाइसेंस देने की व्यवस्था की गई है।
यह लाइसेंस मद्य निषेध और उत्पाद द्वारा दिया जाएगा। विकास आयुक्त में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है। स्थानीय स्तर पर नीरा की बिक्री के लिए आइस बॉक्स की व्यवस्था की गई है। गौरतलब है कि सरकार ने अप्रैल से नीरा उत्पादन का काम अब 12 जिलों से बढ़ाकर सभी 38 जिलों में शुरू करने का निर्णय लिया है। पिछले साल तक गया, नवादा, नालंदा, पटना, मुजफ्फरपुर, वैशाली, सारण और जहानाबाद सहित कुल 12 जिलों में नीरा उत्पादन होता था।
इन जिलों में ताड़ के पेड़ सबसे ज्यादा हैं। योजना के तहत ज्यादा ध्यान नीरा को स्थानीय स्तर पर बेचने और गुड़ बनाने पर दिया जायेगा। हम आपको यह भी बता दें कि ताड़ के पेड़ से निकलने वाले रस को नीरा कहते हैं। इसमें कैल्शियम, फॉस्फोरस, लौह, विटामिन प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं। यह पाचन शक्ति व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। अनुमान के मुताबिक बिहार में ताड़ के 92 लाख 19 हजार और खजूर के 40 लाख नौ हजार पेड़ हैं। राज्य सरकार बिहार राज्य दुग्ध उत्पादक परिसंघ (कंफेड) के जरिये हाजीपुर, नालंदा, भागलपुर वगया में प्रसंस्करण संयंत्र लगा रही है।
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