गाजियाबाद/ दो दिन पूर्व जहरीली शराब पीने से सरकारी आंकड़ों के हिसाब से 4 लोगों की मौत हो जाने व एक की हालत गंभीर बताई जाने के दुखद हादसे के मामले की कहानी जब क्षेत्रवासियों की जुबानी सुनी तो सबका कहना अपने अलग-अलग अंदाज में जरूर था मगर उसका आखिर पुलिस-प्रशासन की लापरवाही पर आकर ही टिकता था। हालांकि इस दौरान कुछ ऐसी बातों का भी खुलासा हुआ जो सभी को चौंका देने वाली बात है।
जहरीली शराब पीने से काल के गाल में समा जाने वाले रविंदर जिसकी अभी शादी भी नहीं हो पाई थी उसके घर लगी भीड़ के बीच खड़े डॉक्टर महेंद्र सिंह से उक्त दर्दनाक हादसे के मामले में जब कुछ जानना चाहा तो उनका साफ कहना था कि क्षेत्र में अवैध रूप से शराब बेचे जाने के कारोबार पर पुलिस-प्रशासन का कोई शिकंजा नहीं है। जिसके विरुद्ध अनेक बार आवाज उठाए जाने के बाद भी संबंधित विभाग की कार्यवाही शून्य के समान ही होती है। नतीजन उक्त अवैध धंधा दिन-रात और फल-फूलता जा रहा है। क्योंकि गरीब व कमजोर तबके का खासतौर पर अशिक्षित या कम पढ़े-लिखे लोग जो सरकारी दुकान से शराब न खरीद कर ऐसे ही लोगों से शराब खरीद कर पीते हैं। और उन्हें शारीरिक, मानसिक व आर्थिक सभी प्रकार की हानि उठानी पड़ती है। जबकि इसबार तो ऐसी घटिया शराब के लालच ने कई लोगों की जान ले ली है। जिनकी संख्या 6 होने की चर्चा थी हालांकि पुलिस ने देर शाम मरने वालों में 4 के नाम की पुष्टि की हैं। हालांकि इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि मरने वालों की संख्या सरकारी आंकड़ों से कहीं अधिक ना हो या पहले भी ऐसी घटिया शराब पीकर लोग मौत को गले न लगा चुके हो।
दूसरी और अन्य महिलाओं संग खड़ी सुनीता का कहना था कि खोड़ा में शराब कोई दो-चार जगह नहीं बल्कि गली-गली में बिकती है। जो सब पुलिस का करा धरा है। उसी के संरक्षण के चलते क्षेत्र में दर्जनों कॉलोनी ऐसी हैं जहा अनेक घरों में अवैध रूप से शराब बेचने का कारोबार धड़ल्ले से जारी है। पुलिस तो इसके बदले ऐसे कारोबारियों से नजराने के तौर पर प्रतिमाह अपनी तय रकम वसूलकर चली जाती है। जो ऐसे लोगों की शिकायत करने पर यदि उन्हें पकड़कर ले भी जाती है तो कुछ घंटों बाद थाने पर बैठाने के बाद उन्हें छोड़कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेती है।
उधर पीड़ित 49 वर्षीय मृतक अशोक के जीजा अजय से जब बातचीत हुई तो उसका रोना था कि नाजायज रूप से बिक रही शराब पीने से एक साथ कई मौत हो जाने के बाद पुलिस-प्रशासन की नींद टूटी है। यदि वह पहले से हरकत में आती तो शायद आज यह दिन देखने को नहीं मिलता। जो अब मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता मुहैया कराने की बात से भी कतराते हुए नजर आ रहा है। जो ठीक नहीं है यदि प्रशासन ने सहानुभूति नहीं दिखाई तो पीड़ितों का गुस्सा किसी भी समय फूट सकता है।
एक महिला ने अपना नाम न बताने की शर्त पर दावा किया है कि अवैध रूप से बिक रही शराब पीने से 4 लोगों की मौत व एक की हालत गंभीर बताई जा रही है जबकि मरने वालों की संख्या इससे कहीं अधिक है। जिनके परिजनों ने किसी पचड़े में न पड़ने के डर से या अपनी इज्जत की खातिर जहरीली शराब पीने से मरे किसी अपने का चुपचाप अंतिम संस्कार कर दिया है। क्या इस बात को कोई नहीं समझता कि शराब बेचने वाले युवक ने उस रात क्या मात्र 5 पव्वे ही बचे थे ? एक गंभीर सोच व जांच का विषय है।
उपरोक्त के अलावा वहां जमा भीड़ के बीच से खुलकर आई कुछ बातों व कानाफूसी से यह बात भी सुनने को मिली कि खोड़ा की खास तौर पर शंकर विहार कॉलोनी व निकट ही सुभाष पार्क आदि कॉलोनी में ऐसे बहुत से घर है जिनकी रोजी-रोटी अवैध रूप से शराब बेचे जाने के धंधे परी टिकी है। जिनकी महिलाएं ही नहीं बल्कि छोटे बच्चो को भी इस धंधे के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है और इस तरह देश के भविष्य को अंधकार की ओर धकेला जा रहा है। इसका जिम्मेदार सिर्फ वहां की सरकारी मशीनरी है जिसकी सोच बदलना अनिवार्य है।
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