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2075 सवंत्सर का फल – नए साल के राजा सूर्य, जानें कैसा रहेगा आपका आने वाला यह साल

हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से नया वर्ष माना जाता है विक्रम संवत 2075 का प्रारंभ 18 मार्च (रविवार) से हो रहा है यानी इस दिन ही हिंदू पंचांग के अनुसार नया साल आरंभ होगा। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इस संवत्सर का नाम विरोधकृत है। इस साल के राजा सूर्य होंगे और उनके मंत्री शनि महाराज रहेंगे। यानी राजा और मंत्री के विचारों में विरोध बना रहेगा।

महंगाई की मार से जनता परेशान होगी

शास्त्रों में बताया गया है कि यदि संवत् का राजा सूर्य हो तो उस साल वर्षा पर्याप्त मात्रा में होने में कुछ कमी आ सकती है। महंगाई बढ़ने की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। इसके साथ ही कम वर्षा से पैदावार में कमी होने से कृषि और दूध उत्पादकों को परेशानी होगी। दूध का उत्पादन कम होने से, दुग्ध उत्पादों की कीमत बढ़ेगी।
सामान्य जनजीवन में भी मंहगाई की मार से लोग परेशान होंगे। फल-सब्जियों से लेकर फसलों की पैदावार कम होने के साथ ही मौसमी फलों के उत्पादन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

राजनीति पर संवत् का प्रभाव 

सत्ता पक्ष के मजबूत होने की संभावना रहेगी। मगर राजनेताओं में परस्पर टकराव एवं विरोध की स्थिति बरकरार रह सकती है। इस संवत् में पहले की अपेक्षा ठगी और चोरी जैसी वारदातें अधिक हो सकती हैं। इसके साथ ही इस वर्ष रेल और वाहन आदि दुर्घटनाओं के समाचार अधिक सुनने को मिल सकते हैं। हालांकि नव संवत्सर 2075 में आतंकी घटनाओं में कमी आएगी। जिससे आम जनता राहत की सांस ले सकेगी । मगर छिटपुट कट्टरवादी घटनाओं के होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। मौसम में आए परिवर्तन से इस साल विचित्र एवं गंभीर रोगों की अधिकता भी रह सकती है। इसके अलावा किसी विशिष्ट राजकीय नेता का आकस्मिक निधन होने का शोक भी व्यप्त हो सकता है।

शास्त्रों के अनुसार संवत्सर का राजा सूर्य होने से तापमान एवं गर्मी में वृद्धि से लोगों को कष्ट का सामना करना पड़ता है। हालांकि विश्व पटल पर भारत की छवि उज्ज्वल बनेगी और देश की हर कहीं सराहना होगी।

रघुनाथ प्रसाद शास्त्री के अनुसार ज्योतिषशास्त्र में शनि और मंगल को सबसे अधिक क्रूर ग्रहों की श्रेणी में रखा गया है। ज्योतिषशास्त्र में शनि को दुःख कारक और मंगल को युद्ध का कारक ग्रह माना जाता है। मेदिनी ज्योतिष में ये दोनों ग्रह विपरीत प्रभाव रखते हैं शनि जहां एक ओर आम जनता का कारक ग्रह होने के साथ लोकतंत्र से सम्बन्ध रखता हैं तो मंगल राजसी ग्रह होकर सेना और तानाशाही व्यवस्था का प्रतीक है।

शनि को मंदी कारक ग्रह माना जाता है तो मंगल को बाजार में तेजी लाने वाला ग्रह मानते हैं। अत: इन दोनों ग्रहों की युति में बेहद आश्चर्यजनक रूप से उथल-पुथल पैदा करने की संभावना रखती है विशेषकर तब जब इनमें नजदीकी अंशों में ग्रह युद्ध हो रहा हो।

धरती से दिखेगा शनि मंगल का ग्रह युद्ध 

7 मार्च से धनु राशि में मंगल आने से अगले महीने में 2 अप्रैल को शनि के साथ सामान अंशों पर और बेहद करीब होंगे जिसे धरती से स्पष्ट देखा जा सकेगा। 2 अप्रैल को होने वाले शनि-मंगल का यह ग्रह युद्ध एक बड़ी खगोलीय घटना होने के साथ-साथ ज्योतिष की दृष्टि से भी अति महत्वपूर्ण है।

आर्थिक घोटाले उजागर होंगे 

मंगल धनु राशि में शनि के साथ 7 मार्च से 2 मई तक साथ रहेंगे। धनु राशि को ज्योतिषशास्त्र में युद्ध और उपद्रव की राशि भी कहा जाता है। मंगल-शनि की यह युति मूल और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र की संधि पर होगी जिससे पश्चिम दिशा में विशेष रूप से बुरा प्रभाव होगा। भारत के पश्चिमी राज्यों महाराष्ट्र और गुजरात में बड़े पैमाने पर आर्थिक घोटालों के उजागर होने से जनता में भारी असंतोष उभर सकता है। शेयर बाजार में कुछ तेजी के बाद बड़ी गिरावट आने से छोटे निवेशकों को बड़ी हानि होने की आशंका है। शनि-मंगल की यह युति कच्चे तेल के दामों में तेजी लाने का काम करेगा। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि से आम जनता को महंगाई की मार झेलनी होगी। 7 मार्च के बाद में डेढ़ महीने तक का समय बड़ी रेल और सड़क दुर्घटनाओं का योग बना रहा है।

मंगल का धनु राशि में प्रवेश, जानें राशि पर प्रभाव 

इन बड़ी दुर्घटनाओं में जान-माल की क्षति में बाद देश में सार्वजानिक परिवहन की नीतियों में बड़े बदलाव होंगे। अग्नि तत्व की राशि धनु में बन रहा शनि-मंगल का योग अप्रैल महीने में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी से बड़ी परेशानी पैदा करेगा। अग्निकांड और पानी की कमी भी शनि-मंगल के धनु राशि में युति का एक बुरा फल बनकर सामने आएगा।

पेट्रोल और डीजल के दामों में तेजी 

धनु-राशि में शनि-मंगल की युति से मार्च के अंत या अप्रैल के महीने में पश्चिम एशिया में युद्ध छिड़ने के योग बन रहे हैं। कन्या लग्न की इसराइल की कुंडली में चौथे घर तो पीड़ित कर रही यह युति उसे फिलिस्तीन और जॉर्डन आदि देशों में पनप रहे आतंकी संगठनों के विरुद्ध युद्ध छेड़ने को प्रेरित करेगी। पश्चिम एशिया में युद्ध के परिणाम सवरूप पेट्रोल और डीजल के दामों में तेजी आएगी।

चीन के शेयर बाजार में उथल-पुथल 

मकर लग्न से प्रभावित चीन की कुंडली के बारहवें घर में बन रही यह युति दर्शा रही है कि भारत के किसी फैसले से वहां के शेयर बाजार में उथल-पुथल की स्थिति मचेगी। अपनी आर्थिक कमजोरियों से जनता का ध्यान हटाने के लिए चीन आने वाले दिनों में भारत के साथ सीमा पर विवाद को और बढ़ा सकता है।

दक्षिण-अमेरिका में जान-धन की हानि की आशंका 

धनु राशि में बन रही शनि-मंगल की युति से ईरान और तुर्की जैसे पश्चिम एशिया के देशों में भूकंप की भी आशंका बन रही है। शनि और मंगल 2 अप्रैल के आस-पास आकाश में दक्षिणी क्षर पर बेहद करीब स्थित होकर पृथ्वी के दक्षिण गोलार्ध में स्थित देशों जैसे पेरू और एक्वावाडोर सहित दक्षिण-अमेरिका के देशों में भूकंप एवं अग्नि-कांड से बड़ी जान-धन की हानि करवा सकते हैं। l

इन मामलों में शनि मंगल का संयोग शुभ 

जबकि शनि मंगल की युति का अच्छा परिणाम यह होगा कि औद्योगिक क्षेत्र में विकास होगा, रोजगार के अवसरों में तेजी आएगी और विज्ञानं-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रगति होगी।

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