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नक्सली हमले में मऊ का जवान शहीद…।

आसिफ रिज़वी.

मऊ। छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों द्वारा किये गए हमले में नौ जवान शहीद हो गए जिसमे मऊ जिले का भी एक लाल शहीद हो गया है। जवान की शहादत की खबर जैसे ही परिवार और गांव वालों को हुई सभी शोक की लहर में डूब गए। जहा एक तरफ दिल मे मरीज पिता बेटे की शहादत पर बूत बन गए वही दूसरी तरफ इस बहादुर बेटे को जन्म देने वाली माँ का रो -रो कर बुरा हाल हो गया है।

शहीद के पिता ने इस घटना को लेकर छतीसगढ़ सरकार को कटघढ़े में खड़ा करते हुए बड़ी लापरवाही का आरोप लगाया है. मऊ जिले के थाना चिरैयाकोट क्षेत्र के भेड़ियाधर गांव के रहने वाले धर्मेद्र यादव छत्तीसगढ़ में CRPF में तैनात थे । वह 2004 में भर्ती हुए थे ।नक्सलियों द्वारा किये गए हमले में धर्मेद्र सहित उनके आठ साथी शहीद हो गए । आज शाम को तीन बजे के करीब फोन से पिता को बेटे के शहीद होने की खबर मिली उनके बाद परिवार सहित पूरे गांव में कोहराम मच गया। धर्मेद्र तीन भाई और दो बहन है । शहीद जवान की पत्नी और तीन बच्चे इलाहाबाद में रहते है जिनको लेने के लिए परिवार के लोग निकल चुके है । शहीद का शव कल शाम तक उनके पैतृक गांव पहुचेगा और फिर उनका अंतिम संस्कार किया जायेग।

शाहिद जवान कि माँ ने रोते हुए बताया कि अभी दो दिन पहले हमारे बेटे ने पिता से बात कि थी और हमारे बारे में पूछ रहा था तब पिता ने बताया कि दावा चल रही है तुम्हारी माँ ठीक है |इस समय वह नहा रही है तो उसने कहा कि ठीक है माँ को नहाने दो हम कल बात कर लेंगे तब तक आज यह खबर मिल गयी अब वह कहा बात कर पायेगा।

पिता ने बताया कि हमको आज तीन बजे जानकारी हुयी है और वहा से फोन से सुचना आई कि धर्मेद्र यादव शहीद हो गए है |उसका स्वभाव बहुत बढ़िया था उसका वर्णन करना मुश्किल है हमारी औलाद है | 2004 में भर्ती हुए थे आखिरी बार तीन दिन पहले हमसे बात हुयी थी खेती के विषय में बात हई | वीडियो काल के माध्यम से बात हुयी थी | हम गहराई से बोल देंगे कि वहा के मुख्यमंत्री कि कमी है नहीं तो यहाँ पर भी मुख्यमंत्री है लेकिन उनकी कमी के कारण ऐसा हुआ है | अप्रैल महीने में वह एक शादी में शामिल होने के लिए आने वाले थे | जानकारी मिली है कि कल शव आएगा | अभी तक कोई भी अधिकारी घर नहीं आया है ।

हम अपने भाई कि तारीफ नहीं कर सकते | हम लोंगो के प्रति उसकी सोच और सपना बहुत ऊँचा था  हम लोंगो कि फोन से बात होती थी | हम लोंगो को सांत्वना देता था कि आप लोग काम करते रहिये हम है | और वह सबको सुझाव देता था | देश कि सेवा के लिए उसका विचार बहुत ऊँचा था | पढाई में वह स्नातक थे और गाँव से पढ़े थे | वह बहुत कर्मठ थे वह इलाहाबाद में 2004 में भर्ती हुए थे | वहा के बारे में बताते थे कि वहा पर नक्सली है हम लोग किसी तरह से नौकरी कर रहे है | हम लोग वहा पर बहुत जिल्लत से रहते है | कहते थे कि हम लोंगो को हर पल खतरा है और हम लोग नक्सलियों के बीच में रहते है | शव लाने के लिए हमारे मोबाईल पर फोन किये थे और कह रहे थे कि शव कल चलेगा।

दोस्त ने बताया कि हम लोग साथ में खेले और पढ़े है और प्रयास किये जिसमे वह सेना में हो गए और हम लोग नहीं हुए | वह सुशिल और संघर्सशील  इंसान थे |वह गाड़ी चलाने में माहिर थे |हमसे बात होती थी कि नौकरी करने में कठिनाईया होती है और झेलना पड़ता है | कभी पानी तो कभी भोजन नहीं मिलता है खतरे का अंदेसा बताता था |उनकी आत्मा कि शान्ति मिले और भविष्य में फिर जन्म लेते है तो इसी तरह देश कि सेवा करते रहे।

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