रिंकी बागड़ी.
मेरठ. आज खबरिया पर्चो पर एक खबर नजरो को चुभ रही थी, खबर थी जिले के किठौर थाना प्रभारी राजेंद्र और एक उप निरीक्षक विजय प्रताप पर एक महिला द्वारा कथित रूप से छेड़खानी का आरोप लगाये जाने का. कई खबरचियो ने अपने पर्चे पर चर्चा के गरज से इस खबर को खूब मिर्च मसाला लगा कर भी पेश किया. कुछ ने सरसरी तौर पर लिख डाला मगर शायद कोई ऐसा नहीं था जो इस खबर के जड़ में गया हो और कही का कही से एक आरोप को इस प्रकार लिख डाला जैसे वही सच हो. जबकि एक हकीकत यह भी है कि पुलिस के बिना हम एक सुरक्षित समाज की कल्पना भी नहीं कर सकते है, फिर भी कही मौका मिले तो हम बिना किसी सत्यता को जाने कही न कही पुलिस की कार्यशैली पर उंगली उठा ज़रूर देते है. कुछ इसी प्रकार के आरोपों के ज़द में इस समय किठौर थाना प्रभारी और एसआई विजय प्रताप सिंह है.
क्या है मामला
किठौर थाना प्रभारी राजेंद्र और एसआई विजय प्रताप सिंह पर एक महिला ने आरोप लगाया है कि वह जब एक केस के सिलसिले में थाने पर गई तो थाना स्थानीय ने उसकी शिकायत नहीं सुनी और उससे अभद्रता किया यही नहीं महिला का आरोप है कि जब उसने इसका विरोध किया तो दोनों ने उसके साथ छेड़खानी किया.
क्या है सत्यता
पहलूओ पर ध्यान दिया जाये तो कथित पीड़ित महिला द्वारा जिस समय घटना का उल्लेख किया गया है उस समय थाना स्थानीय पर प्रभारी नहीं थे और क्षेत्र में थे. इस दौरान थाने पर एसआई विजय प्रताप तो थे मगर थाना प्रभारी के अनुपस्थिति के आधार पर आरोप पहला शक पैदा करता है. देखने वाली बात यह भी है कि थाना स्थानीय आस पास घनी आबादी और क्षेत्र की दुकाने के आस पास है. हर वक्त इस थाने के आस-पास अच्छी खासी नागरिको की भीड़ रहती है. यदि जैसा पीडिता आरोप लगा रही है तो उसके अनुसार थाना परिसर में कहा सुनी भी हुई है. अगर ऐसी कहासुनी हुई है तो फिर आस पास के दुकानदारो ने इसको क्यों नहीं देखा. सभी दुकानदारो ने इस तरह की घटना से अनभिज्ञता ज़ाहिर किया. इसी दौरान कुछ और बात निकल कर सामने आई जिसके जानने के बाद पूरी की पूरी घटना ही संदिग्ध नज़र आई.
जाने कथित पीडिता कौन है
कथित पीडिता पास के गाव की रहने वाली है. कुछ समय पूर्व एक दरोगा के साथ उसकी आपत्तिजनक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, इस फोटो के वायरल होने के बाद प्रशासन ने दरोगा जी को तो सस्पेंड कर दिया था. मगर महिला के ऊपर कोई कार्यवाही नहीं किया था. इस कार्यवाही के ज़द में आये निलंबित दरोगा जी को भी कहा चैन है, इसी बीच सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पीडिता के कंधे पर बन्दुक रखकर चला तो कोई और रहा है. जो कही से भी सामने नहीं आता है.
अब देखना है कि जिले की तेज़ तर्रार कप्तान साहिबा इस प्रकरण में क्या पुलिस पर झूठा आरोप लगाने वाले लोगो पर कार्यवाही करके एक नजीर पेश करेगी या फिर नके खिलाफ साजिश रचने वाले लोगो के मनसूबे पर पानी फेरकर अपने टीम के हौसले को बढाती है अथवा उनके हौसले को पस्त करने के लिये उसके खिलाफ कठोर कार्यवाही करके एक नजीर कायम करेगी.
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