कनिष्क गुप्ता.
लखनऊ । उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की दस सीटों के लिए जारी मतगणना के परिणाम आ गए हैं।चुनाव में भाजपा ने नौ सीटें जीत ली हैैं। आठ सीटें उसे प्रथम वरीयता के मतों की गिनती में ही हासिल हो गईं जबकि नौवीं सीट पर दूसरी वरीयता के मतों की गणना के बाद जीत हासिल हुई। सपा की जया बच्चन भी प्रथम वरीयता में ही चुनाव जीत गईं। चुनाव परिणाम आते ही भाजपा कार्यालय पर जश्न शुरू हो गया। प्रथम वरीयता के वोटों से जीतने वालों में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली, अशोक वाजपेयी, विजयपाल सिंह तोमर, सकलदीप राजभर, कांता कर्दम, अनिल जैन, जीवीएल नरसिम्हा राव व हरनाथ सिंह यादव हैं।
देर रात लगभग दस बजे इनकी जीत की घोषणा हुई। इससे पहले पार्टी के नौवें प्रत्याशी अनिल अग्रवाल और बसपा के उम्मीदवार डा. भीम राव अंबेडकर में कांटे का मुकाबला रहा। दूसरी वरीयता के मतों की गणना के बाद उन्हें विजयी घोषित किया गया। इसके साथ ही सपा की जयी बच्चन समेत सभी उम्मीदवारों की जीत की आधिकारिक घोषणा की गई। इससे पहले आज सुबह नौ बजे मतदान प्रारंभ हुआ जो कि चार बजे तक चलता रहा। इसके बाद मतगणना शुरू होने में विलंब हुआ क्योंकि सपा-बसपा ने दो विधायकों के मतों को लेकर चुनाव आयोग में आपत्ति दाखिल की थी। सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद आयोग ने उन आपत्तियों को खारिज कर दिया। चुनाव में भाजपा और बसपा के एक-एक वोट अवैध भी घोषित
इतने तगड़े झटके की उम्मीद नहीं थी
उल्लेखनीय है कि बसपा विधायक अनिल सिंह के भाजपा के पक्ष में वोट देने से बसपा को तगड़ा झटका लगा है। सपा के साथ ही कांग्रेस तथा रालोद व दो निर्दलीय विधायकों की मदद से अपने प्रत्याशी भीमराव अंबेडकर को राज्यसभा में भेजने के प्रयास में लगी बसपा प्रमुख मायावती को उनके ही विधायक से इतने तगड़े झटके की उम्मीद नहीं थी। उन्नाव जिले के बसपा विधायक अनिल ने मतदान के बाद अंतरात्मा की आवाज पर भाजपा के प्रत्याशी को वोट देने की बात कही और बोले वह अंतरात्मा से आवाज आने के बाद अपने को रोक नहीं सके।
अंतरात्मा की आवाज पर वोट
अनिल ने कहा कि मैंने महाराज को वोट दिया है। वोट डालने के बाद अनिल सिंह ने कहा कि उन्होंने बसपा से बगावत नहीं की है बल्कि वोट अंतरात्मा की आवाज पर दिया है। हम महाराज जी के साथ है। वोट लालजी वर्मा को दिखाकर दिया है। अनिल सिंह के इस कदम से उत्तर प्रदेश में बसपा मुखिया मायावती के साथ उनके प्रत्याशी भीमराव अंबेडकर को झटका लगा है। बसपा विधायक अनिल सिंह ने पार्टी प्रत्याशी को वोट नहीं दिया है। मतदान वोटिंग से कुछ घंटे पहले बसपा विधायक अनिल सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट की थी।
क्रास वोटिंग के बीच 400 विधायकों ने डाले वोट
क्रास-वोटिंग के बीच विधान भवन के तिलक सभागार में कुल 11 प्रत्याशियों के लिए 400 विधायकों ने अपने मत का प्रयोग किया। प्रात: नौ बजे शुरू हुआ मतदान निर्धारित समय चार बजे से लगभग एक घंटा पूर्व तीन बजे ही समाप्त हो गया। तीन वोट नहीं पड़े। इनमें दो विधायक सपा के हरिओम यादव और बसपा के मुख्तार अंसारी, जेल में बंद होने के कारण मतदान नहीं कर सकें। बिजनौर जिले की नूरपुर सीट, विधायक लोकेंद्र सिंह की सड़क दुर्घटना में मृत्यु होने के कारण रिक्त है। सुबह नौ बजे से पहले ही वोट डालने के लिए विधायकों का विधान भवन में पहुंचना शुरू हो गया था।
बसपा विधायक महाराजजी के साथ
कांग्रेस और बसपा के विधायक एक साथ मतदान करने पहुंचे। कांग्रेस के कुल सात व बसपा के कुल 18 में से 17 विधायकों ने एक साथ पहुंच कर अलग अलग गुट में वोट डाले। सपा के शिवपाल यादव और राष्ट्रीय लोकदल के सहेंद्र रमाला दस बजे से पहले वोट डालने वालों में शामिल थे। सबकी निगाहें क्रास वोटिंग पर लगी थी। बसपा के बागी विधायक अनिल सिंह, भाजपा के प्रकाश द्विवेदी व निषाद पार्टी विजय मिश्र के साथ वोट डालने के लिए पहुंचे। उन्नाव जिले के पुरवा क्षेत्र से विधायक अनिल सिंह ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित भोज में पहुंच कर अपनी निष्ठा बदलने का संकेत दे दिया था। अनिल बसपा द्वारा आयोजित नाश्ते में भी नहीं गए। किसे वोट देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अंतरात्मा की आवाज पर मतदान किया और वह महाराज जी यानी मुख्यमंत्री योगी के साथ हैं।
नितिन का भाजपा को दिखाकर वोट का दावा
समाजवादी पार्टी के नितिन अग्रवाल भी बागियों में शामिल थे। कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक के साथ मतदान कर लौटे नितिन ने भाजपा को दिखाकर वोट देने का दावा किया। योगी सरकार से खफा चल रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर अपने दो विधायकों के साथ में आटो रिक्शा से वोट डालने को पहुंचे। ओमप्रकाश के तेवर पूरी तरह से बदले हुए थे। उन्होंने ठोंककर भाजपा के पक्ष में वोट देने का दावा करते हुए आरक्षण पर मुख्यमंत्री के फैसले को भी सराहा। वहीं, अपनी बहन के साथ वोट डालने पहुंचे निर्दलीय अमनमणि त्रिपाठी ने भी भाजपा के पक्ष में ही मतदान करने की बात कही।
देर से पहुंचे आजम, रघुराज प्रताप ने चौंकाया
समाजवादी पार्टी के विधायक अलग अलग वोट डालने पहुंचे। दोपहर करीब एक बजे आजम खां अपने विधायक पुत्र अब्दुला आजम, इरफान सोलंकी और फहीम अहमद के साथ वोट डालने के लिए पहुंचे परंतु सपा समर्थित निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया व विनोद सरोज को लेकर उहापोह बनी रही। करीब तीन बजे रघुराज प्रताप सिंह, विनोद सरोज के साथ मतदान करने के लिए पहुंचे। सपा को समर्थन व बसपा का साथ न देने का ऐलान कर चुके रघुराज प्रताप सिंह ने वोट देने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट कर सपा समर्थकों की बेचैनी बढ़ा दी।
हल्के फुल्के माहौल में रोमांच बना रहा
अपराह्न करीब तीन बजे तक चले मतदान के दौरान माहौल हल्का फुल्का और रोमांचक रहा। किसने क्रास वोटिंग की और बदले में क्या मिला जैसी चर्चा चलती रही। इसी चुहलबाजी के शिकार हुए कांग्रेस के नरेश सैनी को क्रास वोट न करने की सफाई देनी पड़ी। रालोद के सहेंद्र रमाला और भाजपा के पूर्वांचल से ताल्लुक रखने वाले एक विधायक के भी क्रास वोट करने की खूब चर्चा होती रही।
योगी ने खुद संभाली कमान
मतदान के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरे समय विधानभवन में ही मौजूद रहें और पल पल की जानकारी लेते रहे। अपने विधायकों से अलग अलग मिले और शिकायतें भी सुनते रहें। सपा की ओर से रामगोपाल यादव, नरेश उत्तम, सुनील साजन व राजपाल कश्यप जैसे नेता डटे थे तो कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर, सांसद प्रमोद तिवारी, पीएल पुनिया व संजय सिंह भी पार्टी कक्ष में बैठकर वोटिंग रूझान भांपते रहें। बसपा के सतीश मिश्र, रामअचल राजभर व उमाशंकर सिंह आदि सक्रियता बनाए थे। मतदान समाप्त होने के बाद दसवीं सीट पर दोनों तरफ से जीत के बड़े-बड़े दावे किए जाते रहे।
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