कनिष्क गुप्ता.
गौहनिया, इलाहाबाद : घूरपुर बाजार स्थित हाईवे पर मंगलवार की दोपहर बेकाबू ट्रक ने बाइक को टक्कर मारते हुए एक बालू मजदूर को कुचल दिया। हादसे में मजदूर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बाइक सवार दो युवक गंभीर रूप से जख्मी हो गए। आक्रोशित लोगों ने हाईवे जाम कर हंगामा किया। पुलिस पहुंची तो नारेबाजी शुरू हो गई। बाद मे पहुंचे सीओ करछना के साथ पहुंचे एसडीएम बारा के समझाने पर लोग शांत हुए। उधर हादसे के बाद कुछ दूर वाहन छोड़कर ट्रक चालक फरार हो गया।
घूरपुर थाना क्षेत्र के देवरिया गांव के प्रधान वीपी पटेल 40 बाइक से घूरपुर बाजार निवासी मिठाई, नाश्ते के दुकानदार कल्लू कुशवाहा 25 पुत्र राम खेलावन के साथ बाइक से घूरपुर स्थित बैंक से घर जा रहे थे। घूरपुर हाईवे चौराहा पर शहर की ओर तेज रफ्तार गिट्टी लदी ट्रक ने बाइक में टक्कर मार दी। हादसे में दोनों घायल हो गए। इसके बाद अनियंत्रित ट्रक ने चंद कदम दूर पैदल बाजार जा रहे क्षेत्र के कंजासा गांव के बालू मजदूर मिथुन निषाद 20 पुत्र सूरजभान को ट्रक कुचलते हुए निकल गई। मिथुन की मौके पर ही मौत हो गई। गंभीर रूप से दोनों घायलों को स्थानीय लोग शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। उधर, हादसे को देख आक्रोशित बाजार वासियों ने चौराहे पर रीवा हाईवे पर हंगामा करते हुए जाम लगा दिया। देर से पहुंची पुलिस को घेर लिया और नारेबाजी शुरू कर शव को ले जाने से रोक दिया। लोगों ने एसडीएम बारा को बुलाने और बंद चौराहे को खुलवाने की मांग की।
इसी बीच सूचना पर मृतक के रोते बिलखते परिजन सहित दर्जनों लोग पहुंचे तो मामला एक बार फिर गरमा गया। सूचना पर एसडीएम बारा अíपत गुप्ता, सीओ करछना रत्नेश कुमार ¨सह व सीओ बारा रत्नेश्वर ¨सह मय फोर्स पहुंचे। एसडीएम ने बंद चौराहे को खोले जाने के लिए नेशनल हाईवे के अधिकारियों से बात करने का आश्वासन दिया। तब जाकर लोग शांत हुए। पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया।
हाईवे पर तीन घंटे यातायात बाधित रहा
सड़क हादसे में मौत के बाद आक्रोशित लोगों ने हाईवे को जाम कर दिया था। इस दौरान दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। तेज धूप में वाहनों में बैठे लोग हलकान रहे। वहीं पानी के लिए भी व्याकुल हुए। एसडीएम के आश्वासन के बाद गुस्साए लोगों का आक्रोश शांत हुआ। तब जाकर तीन घंटे बाद हाईवे पर यातायात बहाल हो सका।
परिजनों के नहीं रुक रहे आंसू
मिथुन तीन भाइयों में दूसरे नम्बर का था। बड़ा भाई नेता व छोटा भाई रोहित, माता रामरती सहित परिजनों का रो-रोकर हाल बेहाल है। उधर दोनों घायलों की भी हालत नाजुक बताई जा रही है। हादसे में मिथुन की मौत के बाद परिजन बेसहारा हो गए। वृद्ध माता-पिता व दिव्यांग भाई नेता का वही सहारा था। मेहनत-मजदूरी कर परिवार का खर्च चलाता था। सबसे छोटा भाई रोहित अभी 12 वर्ष का ही है। उसकी मौत से परिजनों का सहारा ही छिन गया।
बंद चौराहे को खोलने की मांग
बाजारवासियों ने एसडीएम बारा से लेकर जिलाधिकारी और नेशनल हाईवे के अधिकारियों तक कई बार पत्र देकर बंद चौराहे को खोले जाने की मांग की थी। इसके बावजूद चौराहे को नहीं खोला गया, जबकि चौराहे से सौ मीटर दूर बाजार में ही चौराहा बना दिया गया। इससे शहर से भीटा क्षेत्र में बालू लादने के लिए वाहन उसी चौराहे से होकर जाते हैं। इससे आने और जाने वाले वाहन एक ही मार्ग पर होते हैं जो हादसे का कारण बनते हैं।
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