संजय ठाकुर.
मऊ. बसपा युवा नेता और मऊ सदर विधायक मुख़्तार अंसारी के पुत्र अब्बास अंसारी ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के विपक्ष की एकता के ऊपर कटाक्ष करते हुवे दिये गये उस बयान को आड़े हाथो लिया है जिसमे उन्होंने कहा था कि सांप-नेवला, कुत्ता-बिल्ली छछूदर सब एक हो गये है. अब्बास अंसारी ने इस सम्बन्ध में हमसे बात करते हुवे कहा कि अमित शाह साहब के सर पर सत्ता का सुरूर है. उनको विपक्ष कुत्ता-बिल्ली, सांप और छछूदर नज़र आ रहा है तो क्या शाह साहब ये भी बताने की ज़हमत उठायेगे कि उनकी नज़र में अब आम जनता क्या है ?
अब्बास अंसारी ने कहा कि बाबा साहब के सपनों को पूरा करने के लिये 2019 में बहुजन की सरकार बनानी होगी. कुछ लोग अपने फायदे के लिये और संघ के एजेंडे को लागू करने के लिये बाबा साहब के द्वारा बनाये गये संविधान से छेड़छाड़ करने के फेर में है, बसपा जिसे कभी भी पूरा नहीं होने देगी. अम्बेडकर के लोगों को कुत्ता बिल्ली छछूंदर तक कहते हो और फिर खुद के सियासी फायदे के लिये उन्ही बाबा साहब जी की दिखावटी जयंती मनाते हो,
अब्बास अंसारी ने कहा कि सत्ता के लालच में देश में एक अजीब माहोल भाजपा तैयार कर रही है. भाजपा के पास आपसी एकता को तोड़ने के सिवा दूसरा कोई उपाय नहीं बचा है क्योकि शासनकाल में अपने काम तो कुछ किया नहीं है. इसीलिये आपसी भाईचारे को तोड़ कर आपस में लड़वाने का प्रयास कर रहे है, लेकिन दलित और पिछड़े समाज के साथ साथ अल्पसंख्यक समाज के लोग उनके मंशा को पूरा नहीं होने देंगे. अम्बेडकर जी ने अपना पूरा जीवन दलितों पिछड़ों और अल्पसंख्यको के हितों के लिये बिता दिया आज बाबा साहब द्वारा संविधान की रक्षा के लिये सभी समान विचारधारा के लोगों को इनसे आने वाले समय में लड़ने के लिये आगे आना होगा,
कब्रगाहो की ज़मीनों से हमें न बहलाइये साहब, राजधानी हमने दी थी हमें राजधानी चाहिये साहब
बसपा नेता अब्बास अंसारी ने बाबा साहब की मुर्तिया तोड़े जाने के सम्बन्ध में कहा कि समाज के ठेकेदारों ने बाबा साहब को हमेशा अपमानित किया है, जब वह हमारे बीच नही हैं तब पर भी संकिर्ण मानसिकता के लोग आये दिन उनके मूर्तियों को तोड़कर भगवा रंग में रंगकर अपमानित कर रहे हैं। अब्बास अंसारी ने कहा कि दलितों पिछड़ों और अल्पसंख्यको ने हमेशा अंबेडकर साहब का सम्मान किया है। बहुजन समाज पार्टी उनके अपमान को बर्दाश्त नही करेगी। देश में सत्तारुढ़ मोदी सरकार डा. भीमराव अंबेडकर के धर्मनिर्पेक्ष संविधान को साजिश के तहत बदलकर आरएसएस की सोच लागू करना चाहते हैं। बसपा उनकी इस साजिश को सफल नही होने देगी। बाबा साहब जिस लडा़ई व आंदोलन की मशाल जलाकर गये वह लड़ाई समाज में आज भी जिंदा है। उन्होने कहा कि आज भी दलित समाज को राजस्थान के मंदिर में प्रवेश नही करने दिया जाता है। देश में जाति के नाम पर किसी का अपमान व किसी के साथ मतभेद करना यह अन्याय है। बसपा बाबा साहब की अन्याय की लड़ाई लड़ती आयी है और आगे भी लड़ती रहेगी. उन्होंने अपने दिल के विचार को एक शेर के माध्यम से ज़ाहिर करते हुवे कहा कि कब्रगाहो की ज़मीनों से हमें न बहलाइये साहब, राजधानी हमने दी थी हमें राजधानी चाहिये साहब
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