बलिया।। नगर पंचायत सहतवार में व्यापारियों एवं क्षेत्र के किसानों के लिए बनी सब्जी मंडी तीन दशक में भी आबाद नहीं हो सकी। इस क्षेत्र के लोगों की समझ में ही नहीं आता कि इतनी मूल्यवान जमीन पर लाखों रुपये सरकार ने खर्च क्यों किए। सहतवार की मंडी का शेड जीर्णशीर्ण हालत में है और परिसर आवारा पशुओं का अड्डा बन गया है। जबकि इस नगर में प्रति वर्ष शासन सत्ता से जुड़े प्रभावशाली पदों पर विराजमान हस्तियों का आगमन होता रहा है। इस मंडी के बनने का प्रस्ताव 1984-85 के समय में तत्कालीन विधायक विजयलक्ष्मी के प्रयास से दिया गया था। पांच-छह एकड़ में यह मंडी बन कर तैयार तो हो गई लेकिन आज तक किसी भी राजनीतिक दलों ने इसके उद्घाटन की राह में कोई सफल प्रयास नहीं किया। इस मंडी के तैयार होने से व्यापारियों में एक नई उमंग जगी थी कि इस मंडी से कोई भी छोटा या बड़ा रोजगार किया जा सकता है। इस मंडी के शुरु होने से क्षेत्र के कई गांवों से बेरोजगारी समाप्त हो सकती थी, लेकिन किसी ने भी इसका कायाकल्प करने में अपनी रुचि नहीं दिखाई।
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