लखीमपुर खीरी: अंतराष्ट्रीय दुधवा नेशनल पार्क जो पर्यटक स्थल के रूप में लोगों का आकर्षण बना हुआ है यहाँ लोग वन राज के दर्शन के लिए काफी दूर दूर से आते है मगर विगत कुछ वर्षों से दुधवा नेशनल पार्क से होकर जाने वाली रेलवे लाइन की चपेट में आकर कई वन्य जीवों को काल के गाल में समाना पड़ा है और यही कारण रहा कि आये दिन ट्रेन की चपेट में आने से कई जानवरों की मौत की खबरें सुनने को मिली।
बताते चलें कि भारतीय रेल ने मैलानी से होकर नानपारा लाइन का चौड़ीकरण(बड़ी लाइन) का जिम्मा लिया था मगर लखनऊ हाईकोर्ट के बड़े वकील सतीश कुमार मिश्रा ने जन याचिका 1011/2016 के माध्यम से जंगलों से होकर जाने वाली रेलवे लाईनों पे एक बड़ा सवाल उठाया था कि वन्यजीव जो आये दिन रेल लाइन की चपेट में आकर अपनी जान गवां देते है इसलिए जंगलों से रेलवे लाइन वन्यजीवों के लिए बहुत बड़ा खतरा है।
सतीश कुमार मिश्रा की जन याचिका को हाईकोर्ट ने मध्यस्था के फैसले पर इसके चौड़ीकरण पर रोक लगा दी है जिससे अब दुधवा के जंगलों से होकर जाने वाली रेलवे लाइन का चौड़ीकरण नही किया जाएगा और लगभग मार्च 2019 तक दुधवा के जंगलों से रेलवे लाइन को खत्म कर मात्र पर्यटक भ्रमण रेलवे लाइन जो दुधवा के जंगलों में पर्यटकों के लिए वन्यजीवों को देखने व जंगल भ्रमण के लिए रहेगी।
वन विभाग के प्रधान मुख्य संरक्षक एस.के उपाध्याय ने अपनी राय में बताया कि वनों में रेलवे लाइन वन्यजीवों के लिए काफी बड़ा खतरा है और हम लोग देखते भी है कि आये दिन रेल की चपेट में आकर कई जानवर अपनी जान गवां देते है. और यही कारण है कि दुधवा के जंगलों में रेलवे की चपेट में अभी तक लगभग 91 वन्यजीव अपनी जान गवां चुके है
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