तारिक़ आज़मी
लखनऊ। पांडेयगंज गल्ला मंडी में शनिवार रात आपूर्ति विभाग के छापे में मिले सरकारी राशन की जांच के लिए सेंपल एफसीआइ को भेजा गया है। पकड़े गए राशन और वहां के राशन के मिलान के बाद संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिला पूर्ति अधिकारी केएल तिवारी ने बताया कि पकड़े गए 116 बोरी गेहूं और 63 बोरी चावल के सेंपल को एफसीआइ भेजा जा रहा है। मिलान के बाद मामले में विधिक कार्रवाई की जाएगी। प्राथमिक जांच में बोरियों की पहचान के आधार पर फिलहाल यह सरकारी अनाज ही प्रतीत होता है। सरकारी अनाज की कालाबाजारी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
एक मुखबिर की सूचना पर शनिवार की देर रात जिला प्रशासन और आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर गोदाम में छापा मारा। गरीबों के राशन की कालाबाजारी करने वाले अपने आपको भाजपा का नेता बताकर अधिकारियों को अर्दब में लेने का प्रयास किया, लेकिन अधिकारियों के आगे एक न चली। रात्रि तीन बजे तक बोरियों को गिनने और उन्हें सील करने की कार्रवाई चलती रही। देर रात पांडेयगंज क्षेत्र के भाजपा नेता गोदाम को किराए पर देने के साथ ही एक मंत्री और उप मुख्यमंत्री के करीब होने का दावा कर प्रशासन पर दबाव भी बनाने में लगे थे। व्यापार मंडल के एक नेता खुद को मामले से अलग कर ऐसा करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की बात कर रहे हैं। ऐसे में अब वहां के व्यापारियों में गुटबाजी भी तेज हो गई हैं। नेताओं का कहना है कि गरीबों के राशन की कालाबजारी करने वाला व्यापारी नहीं वह सामाज का दुश्मन है। व्यापारी कभी उनके साथ नहीं खड़े होंगे। मामले की निष्पक्षता से गहन जांच होनी चाहिए।
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