मो आफताब फ़ारूक़ी
इलाहाबाद। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मांगी गई जानकारी न उपलब्ध कराने पर उप श्रमायुक्त बरेली के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है और 4 जुलाई 2018 को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है। कोर्ट ने याची के विरुद्ध जारी उपश्रमायुक्त के आदेश के तहत किसी प्रकार की उत्पीड़नात्मक कार्यवाही पर रोक लगा दी है।
यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र ने हिंदुस्तान मीडिया वेंचर्स की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता सुनील कुमार त्रिपाठी ने बहस की। याची कम्पनी का कहना है कि उपश्रमायुक्त को बर्खास्त किसी वर्किंग जर्नलिस्ट को बहाल कर वेतन भुगतान करने का आदेश जारी करने का अधिकार नही है। श्रम कानून के तहत ऐसे मामले की शिकायत मिलने पर उपश्रमायुक्त को सुनवाई करने के बजाय श्रम न्यायाधिकरण को सन्दर्भ भेजना चाहिए। इस नियम का पालन न कर उप श्रमायुक्त ने याची संस्थान को क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर पत्रकार को बहाल करने का आदेश दिया है, जो कानूनन गलत है। कोर्ट ने सरकारी अधिवक्ता को इस सम्बन्ध में जानकारी देने को कहा था। किंतु अधिकारी को पत्र लिखकर सूचित किये जाने के बावजूद कोर्ट को मांगी गई जानकारी उपलब्ध नही करायी गयी। जिस पर कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए उप श्रमायुक्त को तलब कर लिया है।
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