आफताब फारुकी
इलाहाबाद। एस.टी.एफ. ने अधिवक्ता राजेश हत्या काण्ड में शामिल तीन शातिर अपराधियों को जिले के सोरांव थाना क्षेत्र में हाईवे पर मुठभेड़ के दौरान शुक्रवार की भोर में गिरफ्तार किया। पकड़े गये अपराधियों के कब्जे से हत्या में प्रयुक्त पिस्टल सहित दो तमंचा एवं चोरी की मोटर साइकिल और पांच मोबइल बरामद किया है।
पकड़े गये अपराधियों में शमशाद पुत्र रहमत निवासी जोगापुर थाना कोतवाली सदर प्रतापगढ़, मो. रईस पुत्र नासिर अली निवासी जोगापुर थाना कोतवाली सदर प्रतापगढ़, विशाल विश्वकर्मा पुत्र सत्यप्रकाश विश्वकर्मा निवासी गोपालापुर थाना कोतवाली सदर प्रतापगढ़ है।
एसटीएफ लखनऊ कार्यालय से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक 10 मई की सुबह साड़े दस बजे इलाहाबाद शहर के कर्नलगंज थाना क्षेत्र में मनमोहन पार्क के समीप अधिवक्ता राजेश श्रीवास्तव पुत्र स्वर्गीय विन्ध्यवासिनी प्रसाद निवासी रामबाग थाना कोतवाली की घर से कचहरी जाते समय बाइक सवार दो बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस सम्बन्ध में हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। वारदात को लेकर अधिवक्ता वर्ग में काफी आक्रोश व्याप्त हो गया। अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था आनन्द कुमार व एसटीएफ महानिरीक्षक अमिताभ यश तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ अभिषेक सिंह ने हत्याकाण्ड के खुलासे के लिए एसटीएफ फील्ड यूनिट वाराणसी के अपर पुलिस अधीक्षक एस. आनन्द के पर्यवेक्षण एवं पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार सिंह के नेतृत्व में सूचना जुटाने के लिए टीमों को लगायसा गया था। सूचनाओं के विश्लेषण हेतु निरीक्षक शैलेष प्रताप सिंह को एवं निरीक्षक पुनीत परिहार, निरीक्षक विपिन राय व निरीक्षक अमित श्रीवास्तव को जमीनी सत्यापन को लगाया गया।
जंाच के दौरान राजेश श्रीवास्तव की हत्या में प्रतापगढ़ के शूटर शामिल थे, जिनकों इलाहाबाद के दो व्यक्तियों द्वारा हत्या की सुपारी दिये जाने की पुष्टि हुई । मुखबिर की सूचना पर पुलिस उपाधीक्षक विनोद कुमार सिंह ने शूटरों की पहचान कराने का अथक प्रयास किया गया। इस दौरान तथ्य प्रकाश में आया कि इलाहाबाद शहर के रामबाग मोहल्ले में स्थित क्राउन प्लाजा नाम के होटल है, जिसका मालिक प्रदीप जायसवाल है। होटल के पास ही ओमसाई डी.जे. नाम से घनश्याम अग्रहरी निवासी महेवा नैनी की दुकान है। घनश्याम अग्रहरी व प्रदीप जायसवाल की गहरी मित्रता थी। होटल क्राउन प्लाजा का कुछ हिस्सा सरकारी भूमि पर अवैध रूप से बना था, जिसके विरूद्ध राजेश श्रीवास्तव प्रशासन में पैरवी करते थे। इस पैरवी के फलस्वरूप प्रदीप जायसवाल को कारोड़ो की क्षति दिखाई दी। गहन विश्लेषण करने पर स्पष्ट हो गया कि राजेश श्रीवास्तव की हत्या में घनश्याम अग्रहरी की निश्चित रूप से सक्रिय भूमिका हैं। एसटीएफ की टीम ने वारदात के बाद की सभी कड़ियों को जोड़ते हुए शुक्रवार की भोर में सोरांव थाना क्षेत्र से उक्त अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गये तीनों अपराधियों के खिलाफ सोरांव थाने में मुकदमा दर्ज करके जेल भेजने की कार्रवाई की गई।
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