संजय ठाकुर
मधुबन/मऊ: तेजी से खिसकते भु गर्भ जल स्तर को रोकने हेतु मनरेगा के तहत तमाम गावो में खोदे जा रहे जलाशय सिर्फ औपचारिकता तक ही सीमटकर रह गए है कही कही इस योजना के तहत जीर्णोद्धार के बाद पानी हवा के साथ अठखेलियाँ करता नजर आ रहा है तो कही कही तस्वीरे इस के विपरित नज़र आ रही है।सूखे जलाशय के किनारे बने घाट मुह चिढा रहे है
जलाशय के चारो तरफ घाट व सीढी पर जलाशय सुखा जो गर्मी के दिनों में पुरी ब्यवस्था को आईना दिखा रहा है।अगर देखा जाए तो चंद सार्वजनिक जलाशय ऐसे है जिसमें प्रधान तो नही लेकिन पट्टा धारक लबालब पानी कि ब्यवस्था किये हुए है केंद्र व राज्य सरकार के साथ स्थानीय प्रशासन तो जल संरक्षण हेतु स्पष्ट प्रावधान वर्णित है जलाशय में खाश कर आदर्श जलाशय कि मनरेगा से खुदाई व सुन्दरीय करण के बाद जलाशय के बीचोबीच बोरिंग कराना अनिवार्य किया हुआ है गर्मी के दिनों में इसमे जल भरा रहे मगर ठीक इसके विपरीत दिख रहा है कही जलाशय में हिलोरे उठ रही है तो कही उड़ाती धुल नज़र आ रही है मालुम हो कि गत वर्ष जिलाधिकारी महोदय ने सभी सर्वाधिक जलाशयों में पानी भरने का अनुपालन भी सुनिश्चित कराया था।
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