फारुख हुसैन
सिंगाही खीरी। रमजान शरीफ को लेकर मुसलिम युवाओं की दिनचर्या बदली हुई है। पूरे साल मस्ती में गुजारने के बाद जब रोजों का महीना शुरू हुआ, तो युवाओं की जिंदगी के अंदाज भी बदल गए। अमूमन सुबह देर तक सोने वाले नौजवान इन दिनों भोर सहरी में ही उठ जाते हैं। पांच वक्त की नमाज अदायगी के साथ ही तरावीह नमाज में शरीक हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि रोजे में माहौल में नूरानी तब्दीली आती है। सभी साथी रोजे से होते हैं। इफ्तार और सहरी की रौनकें देखने का साल भर इंतजार रहता है। तरावीह बाद होटलों पर चाय, कोल्ड ड्रिंक और फिर बाइकिंग का लुत्फ अपना अलग ही मजा रखता है।
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