आफ़ताब फारुकी
इलाहाबाद। पदोन्नत से वंचित शिक्षकों की एक आवश्यक बैठक हुई, जिसमें सचिव उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद से 14 जून को 11.30 बजे मिलकर पदोन्नत मे लगे स्थगन के संबंध में वार्ता करने का निर्णय लिया गया है।
बैठक में कहा गया कि जनपद इलाहाबाद में प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापकों की पदोन्नति तीन वर्ष के बजाय 9 वर्ष का कार्यकाल बीत जाने के बाद भी नहीं हुई है जबकि अधिकतर सहायक अध्यापकों से लगातार सात-आठ वर्षों से प्रभारी प्रधानाध्यापक का कार्य लिया जा रहा है। सचिव उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद द्वारा उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए गतिमान पदोन्नति प्रक्रिया की काउंसलिंग पूर्ण होने के पश्चात् पदोन्नति आदेश जारी करने पर स्थगन लगा दिया गया है। जबकि उच्च न्यायालय के आदेश में एन.सी.टी.ई की अधिसूचना 12 नवंबर 2014 के खंड 4 (बी) को कड़ाई से पालन करने के लिए कहा गया है। खंड 4 (बी) के पहली अनुसूची में कक्षा 1 से 8 तक को एक स्तर माना गया है। कक्षा 1 से 8 तक के अध्यापकों की पदोन्नति कक्षा 1 से 8 तक के ही स्कूल में होती है, अतः स्तर परिवर्तन न होने से खंड 4(बी) लागू नहीं होगा। एनसीटीई अधिसूचना 23 अगस्त 2010 के पैरा (4) के अनुसार इस अधिसूचना से पूर्व कक्षा 1 से 8 तक के लिए नियुक्त अध्यापकों को टीईटी योग्यता हासिल करने की आवश्यकता नहीं है। गतिमान पदोन्नति प्रक्रिया में मात्र दिसंबर 2009 तक नियुक्त अध्यापकों को शामिल किया गया है। अतः जनपद इलाहाबाद में पदोन्नति कार्यवाही पूर्ण करने में लगा स्थगन आदेश न तो विधि संगत है और न ही न्याय संगत। जिसे लेकर गुरूवार को वार्ता की जायेगी। बैठक में कमल सिंह, रत्नेश शुक्ल, गिरीश तिवारी, कमलेश सिंह, अनुराग पाण्डेय, राम कैलाश आदि कई शिक्षक मौजूद रहे।
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