आफ़ताब फ़ारूकी
इलाहाबाद। मधुमेह कई प्रकार के होते है और मधुमेह रोगी की सही पहचान कर उनके अनुसार ही दवायें दी जानी चाहिए। एक ही प्रकार की दवा से सभी मधुमेह का इलाज नहीं किया जाना चहिए।
उक्त बातें डा.सिद्धार्थ मदनानी ने इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के तत्वावधान में आयोजित एक वैज्ञानिक संगोष्ठी में कही। उन्होंने आगे कहा कि इसलिए समय समय पर सभी मधुमेह रोगियों को जांच कराते रहना चाहिए। जिससे इसके दुष्परिणामों जैसे आॅखों, गुर्दों, हृदय तथा पैरों की नसों के होेने वाले विकार से बचा जा सके। डा.अमृता मदनानी ने ‘रोल आॅफ पीआरपी इन नाॅन हीलिंग अल्सर्स’ विषय पर अपने व्याख्यान में कहा कि मधुमेह के रोगियों को होने वाले घाव, अल्सर व गैंगरीन जो कि अक्सर पैरों में होते हंै, उनके लिए पी.आर.पी एक नई विधा है जिसके परिणाम अच्छे मिल रहे हैं।संगोष्ठी की अध्यक्षता ए.एम.ए अध्यक्ष डा.अनिल शुक्ला ने एवं संचालन एसोसिएशन के सचिव डा.त्रिभुवन सिंह ने किया तथा भविष्य में ऐसी ज्ञानवर्धक संगोष्ठियां आयोजन कराने का आश्वासन दिया और अन्त में वक्ताओं एवं श्रोताओं को धन्यवाद दिया। संगोष्ठी में शहर के अधिकांश चिकित्सक डा.अशोक अग्रवाल, डा.शार्दूल सिंह, डा. एम.के मदनानी, डा. बी.के मिश्रा, डा.युगान्तर पाण्डेय, डा.दीपेन्द्र सिंह आदि मौजूद रहे।
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