आफ़ताब फ़ारूकी
इलाहाबाद। लोक सेवा आयोग में पीसीएस 2017 की मुख्य परीक्षा में हुए मंगलवार की परीक्षा रद्द करने के बावजूद विपक्ष पार्टियों ने राजनीति की रोटी सेंकी और जमकर उपद्रव किया।
गौरतलब है कि मंगलवार को पेपर बंटने में गड़बड़ी होने पर जब सचिव ने 19 जून की परीक्षा रद्द कर दी तो अभ्यर्थियों के आंदोलन का कोई औचित्य नहीं था। लेकिन सपा एवं कांग्रेस के छात्रनेताओं ने इसे आंदोलन का रूप देकर तोड़ फोड़ की और अराजकता फैलायी। कुछ अभ्यर्थियों का कहना है कि जब आगे परीक्षा की तिथि घोषित होगी तो दिया जायेगा। यदि परीक्षा रद्द न होती तो आंदोलन करना जरूरी था, लेकिन जब अभ्यर्थियों की मांगें मान ली गयी तो ऐसा करना उचित नहीं था। कहा कि पार्टी नेताओं ने आग में घी डालने का काम किया और बदनाम हुए बेचारे अभ्यर्थी, कुछ अभ्यर्थी इसमें जरूर शामिल रहे। एक अभ्यर्थी ने तो यहां तक कहा कि आयोग के विवादित अध्यक्ष अनिरूद्ध यादव सपाई मानसिकता के हैं और लगता है उन्हीं के इशारे पर यह सब हुआ है। जब तक यह रहेंगे तब तक कोई परीक्षा सुचारू ढंग से नहीं हो सकती। कहा कि सरकार को बदनाम करने के लिए विपक्ष कुछ भी कर गुजरने को तैयार है, जो कत्तई ठीक नहीं है। कहा कि रिचा सिंह को यहां आने की क्या जरूरत थी और आई भी तो दंगा फसाद आखिर क्यों करवाया। उनसे परीक्षा से क्या लेना-देना है।
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