सुदेश कुमार
बहराइच। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर महाराज सिंह इण्टर कालेज परिसर में मुख्य अतिथि जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने पौधरोपण किया तत्पश्चात माॅ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर कालेज सभागार में ‘‘बीट प्लास्टिक पलूशन’’ विषय पर आयोजित गोष्ठी का शुभारम्भ किया। जबकि राजकीय इण्टर कालेज के अध्यापक रमेश चन्द्र त्रिपाठी ने सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की। विद्यालय परिसर में आयोजित पौधरोपण कार्यक्रम में 51 यूपी बीएन एनसीसी बलरामपुर के कैडेट्स द्वारा सहयोग प्रदान किया गया।
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आयोजित गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के अविवेकपूर्ण अतिदोहन का परिणाम है कि आज सारा विश्व पर्यावरण की समस्या से दो-चार है। उन्होंने कहा कि आज पर्यावरण प्रदूषण का मुख्य कारण अजैविक पदार्थांे से उत्पन्न होने वाला कचरा है। विश्व में प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग के कारण नाना प्रकार की पर्यावरणीय समस्याएं उत्पन्न हुई हंै। उन्होंने कहा कि हमें समय रहते अपनी आदतों में बदलाव लाना होगा। आज के दिन हम सभी को इस बात का संकल्प लेना होगा कि हम कम से कम अजैविक कचरा उत्पन्न करेंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि अपनी रोज़मर्रा की जिन्दगी में छोटे-मोटे बदलाव लाकर हम प्राकृति को हुए नुकसान की कुछ भरपाई कर सकते हैं।
जिलाधिकारी ने लोगों से अपील की कि प्लास्टिक कैरी बैग तथा डिस्पोज़ल दोनों, गिलास, प्लेट के स्थान पर कपड़े व कागज के थैलों तथा कुल्हड़, पेड़ के पत्तों को उपयोग में लाये इससे अजैविक कचरे की समस्या पर अंकुश लग सकेगा। उन्होंने कहा कि आज मानव समाज जितना अधिक बलशाली होता जा रहा है वह उतनी ही रफ्तार से प्राकृति और प्राकृतिक संसाधनों को नष्ट करने पर उतारू है। आज जंगल के आकार घटते जा रहे हैं जिस कारण मानव व वन्यजीव संघर्ष के बीच घटनायें बढ़ रही हंै। उन्होंने कहा कि खुशहाल पर्यावरण के लिए पूरे पारिस्थितकीय तन्त्र का खुशहाल होना बेहद ज़रूरी है। स्वस्थ पर्यावरण के लिए एक अति सूक्ष्म जीव से लेकर विशालकाय हाथी तक सभी की अपनी अहमियत है। इसलिए हमें वनों के साथ-साथ वन्यजीवों को भी जीने का अधिकार प्रदान कर पूरे मानव समाज के लिए जीने के अवसरों को बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि हम जब भी प्राकृति की गोद में जाते हैं तो हमंे ऐसा आभास होता है जैसे हम अपनी माॅ की गोद में हैं। इसलिए हमें भी प्रकृति के साथ माॅ जैसा बर्ताव करना चाहिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि यह हमारे लिए गौरव की बात है कि जनपद की धरा सुरम्य वनों तथा नाना प्रकार के दुर्लभ वन्यजीवों का प्राकृतिकवास है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए हमारी जिम्मेदारी दूसरों से कहीं ज्यादा है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा, मात्र सरकार के प्रयास से पर्यावरण की सुरक्षा नहीं की जा सकती है। हमें जन-जन तक पर्यावरण संरक्षण का सन्देश पहुॅचाना होगा ताकि हमें आगे वाली पीढ़ी से शर्मिन्दा न होना पड़े। नैसर्गिक न्याय का तकाज़ा है कि हम आगे आने वाली नस्लों को कम से कम ऐसा पर्यावरण अवश्य देकर जायें, जैसा हमने अपने पूर्वजों से पाया था।
गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए प्रभागीय वनाधिकारी बहराइच आर.पी. सिंह ने मानव जीवन के लिए पौधों के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि वृक्षविहीन धरती पर मानव जीवन नामुमकिन है। उन्होंने सभी लोगों से अपील की कि कम से कम 01 पौधा अवश्य लगायें तथा कम से कम प्लास्टिक का उपयोग करें। उन्होंने यह भी बताया कि इस वर्ष जनपद के लिए 15 लाख पौध रोपण का लक्ष्य रखा गया है। जिला विद्यालय निरीक्षक राजेन्द्र कुमार पाण्डेय ने सभी शिक्षकों एवं छात्रों का आहवान्ह किया कि आमजन को अधिकाधिक पौधरोपण करने तथा कम से कम प्लास्टिक का उपयोग करने के लिए जागरूक करें। गोष्ठी के दौरान सभी वक्ताओं द्वारा कहीं न कहीं विकास के नाम पर प्राकृतिक के अंधाधुन्ध दोहन को जिम्मेदार ठहराया गया। जिससे कालजयी शायर खुमार बाराबंकवी की यह पंक्तियाॅ चरितार्थ हो उठी कि ‘ऐसी हवाएं तरक्की चली है, कि दिये तो दिये, दिल बुझे जा रहे हैं।
कार्यक्रम के अन्त में महाराज सिंह इण्टर कालेज के प्रधानाचार्य एस.एन. शुक्ला ने धन्यवाद ज्ञापित किया जबकि डीएफओ बहराइच ने जिलाधिकारी को रूद्राक्ष व चन्दन तथा डीआईओएस को गमले में लगा चन्दन का पौधा भेंट किया। इस अवसर पर अन्य अधिकारी, शिक्षक, छात्र व भारी संख्या में पर्यावरण प्रेमी मौजूद रहे।
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