मुहम्मद अहमद हुसैन (जमाल)/वकील अहमद अंसारी
रसड़ा, बलिया। फलों में राजा माने जाने वाले आम, जो अपने लाजवाब स्वाद से लोगों का पसंदीदा फल माना गया है। प्राचीन ग्रंथों में भी इसके गुणों का बखान है। लेकिन, आज व्यापारियों ने अपने मुनाफे के चक्कर व तिकड़म में इस आम्बेडकर को जहरीला बना दिया है।
आप सभी को पता है कि फलों के राजा आम का नाम सुनते ही हर किसी के मुंह में पानी आ जाता हो और हर घरों में इसका बड़े ही शौक से सेवन होता है, लेकिन आज के आम का चस्का आपकी सेहत को बिगाड़ भी सकता है अगर आप सावधान ना रहे तो क्योंकि, आज इस आम के व्यापारियों ने अपने भारी मुनाफे के चक्कर में इसे काफी जहरीला बना दिया है ये मुनाफाखोर आपकी जान से खिलवाड़ करते हुये इस आम की मिठास को जहरीला बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। ये मुनाफाखोर आम को जल्द पकाने और आकर्षक बनाने के लिए इसमे घातक रसायनों का प्रयोग कर रहे है। इस कार्य में एसीटिलीन, कैल्सियम काबाईड, एथनॉल आदि रसायन का प्रयोग हो रहा है, जो कि सेहत के लिए काफी खतरनाक है। रसायनों का प्रयोग कर पके हुए आम का सेवन करने वाले शौकीनों को अकसर सिर दर्द, चक्कर आना, उल्टी-दस्त, फोड़े फुंसी जैसी दिक्कतें हो रही हैं। इसके अलावा इससे याददाश्त जाने, कैंसर, अनिद्रा, लीवर और किडनी में सूजन, आंतों में संक्रमण जैसी बीमारियां होने का भी खतरा बना रहता है, जिसे लोग समझ नहीं पा रहे हैं क्यों कि कार्बाइड एक ऐसा घातक ज्वलनशील पदार्थ है। इसका मूल नाम कैल्शियम कार्बाइड है, जो एक प्रकार का एसिड है। इस एसिड को फल के साथ रखने पर इसमें से एसिटिलीन गैस निकलती है। यही गैस किसी भी फल को बहुत जल्दी पका देती है जिसे खुले तौर पर सभी जानते हैं और देखते हैं कि आम के दुनककदार खुलेआम तौर पर आम को जानलेवा रसायन कार्बाइड से ही पकाये जा रहे हैं फिर भी वह ऐसे पके आमों की खरीदारी से नहीं बचते।
यदि आमजन की माने तो ठीक इसी तरह लोगों के स्वास्थ्य व जान की रक्षा का ढीढोरा पीने वाली सरकार और उसके सरकारी मशीनरी यह सब कुछ जानते व देखते हुये सभी चुप्पी साधे मूक दर्शक बने हाथ पर हाथ धर बैठे हैं । क्या इन्हें इस तरह के जानलेवा मुद्दों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। क्या ऐसे कारोबारियों के ठिकानों व दुकानों पर छापामारी कर उनकी धड़पकड़ कर कठोरतम् कानूनी कार्रवाही नहीं करनी चाहिए सरकारी तंत्र द्वारा इन आमों की सैम्पुलिंग कर जांच कारवाई आगे नहीं बढ़ानी चाहिए परन्तु ऐसा नहीं हो रहा है, जो स्पष्ट रूप से गवाही देता है कि लोगों की जान और जिन्दगी से खिलवाड़ करने वाले ऐसे मुनाफाखोर व्यापारियों की साजिश में नीचे से ऊपर तक सरकार और उसके अफसरान सबके सब एक अंग के रूप में सहभागिता कर रहे हैं। यदि जनमानस की यह सोच व धारणा गलत है तो, क्या जिला प्रशासन अब से भी ऐसे जघन्य कृतियों को पुनः संज्ञान में लेते हुये अपने दायित्वों का निर्वहन में ऐसे जुर्म की रोक थाम हेतु धड़ पकड़ व जांच पड़ताल का विशेष अभियान चलाकर लोक हित के इस महत्वपूर्ण कार्य को निष्ठा के साथ करेंगें? प्रबुद्धजनो ने इस गम्भीर मुद्दे पर डी एम भवानी सिंह खगारौत से व्यक्तिगत रूचिके साथ तत्काल ऐक्शन लिये जाने की माँग की है।
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