कैराना और नूरपुर की हार नहीं पच पा रही भाजपा और संघ को, डैमेज कंट्रोल के लिये बैठकों का दौर शुरू

तारिक आज़मी.

नूरपुर और कैराना में हुई करारी हार के बाद भाजपा के अन्दर एक अजीब बेचैनी सी मची हुई है. पार्टी के अन्दर के सूत्रों की माने तो इसके सम्बन्ध में बड़ी कार्यवाही संगठन के स्तर पर जल्द ही हो सकती है. दरअसल  संघ की चिंता यह है कि जिस पलायन के मुद्दे पर एक वर्ष पहले ही पश्चिमी उप्र में उसे एकजुट हिंदुओं का वोट मिला था, उसी कैराना में वह समीकरण क्यों नहीं बन पाया।

संघ के चिंता का एक बिंदु यह भी है कि पश्चिमी उप्र से ठाकुर, दलित और वैश्य बिरादरी के लोगों को राज्यसभा और गुर्जर के रूप में एक पिछड़े को विधान परिषद भेजने तथा बागपत के सांसद सत्यपाल सिंह को केंद्रीय मंत्रिमंडल में लेने के बावजूद सारे समीकरण आखिर फेल कैसे हो गए? पार्टी के अन्दर के सूत्रों की माने तो कैराना और नूरपुर में पराजय के बाद संघ और भाजपा ने डैमेज कंट्रोल का खाका खींचना शुरू कर दिया है। जल्द ही इसके नतीजे सामने आएंगे। महागठबंधन बनाकर विपक्ष के मुकाबले में उतरने की संभावनाओं के मद्देनजर भगवा टोली के रणनीतिकारों ने वोटों का गणित दुरुस्त रखने पर भी चिंतन-मंथन किया।

यही नहीं अब  पार्टी कार्यकर्ताओं के मनोनयन व समायोजन का काम भी अब तेजी से आगे बढ़ने के संकेत हैं। सूत्रों की माने तो कुछ प्रमुख लोगों पर हार की गाज गिर सकती है। संगठन के कुछ नेताओं व मंत्रियों के कदों में कांट-छांट हो सकती है। संगठनात्मक पुनर्गठन का काम भी जल्द ही पूरा होने के संकेत हैं। इसका पूरा खाका शनिवार को यहां संगठन, सरकार और संघ के प्रमुख लोगों की बैठक में खींचा गया।
हकीकत में उपचुनाव की हार के झटके से भाजपा और संघ उबर नहीं पा रहा है। इस क्रम में शनिवार शाम प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ. महेन्द्र नाथ पांडेय के दिल्ली से लौटने के बाद शुरू हुआ बैठकों का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। कैराना और नूरपुर के नतीजों के बाद प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय नेतृत्व के बुलावे पर दिल्ली गए थे। सूत्रों की माने तो राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात के बाद लौटे प्रदेश अध्यक्ष  ने प्रदेश महामंत्री (संगठन) सुनील बंसल के साथ पार्टी मुख्यालय पर विचार-विमर्श किया। इसमें कुछ देर के लिए उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा भी शामिल हुए। बताया जाता है कि पांडेय ने दिल्ली का संदेश सभी को दिया। बाद में ये सभी नेता मुख्यमंत्री आवास गए और वहां बैठक हुई। मुख्यमंत्री आवास पर विचार-विमर्श में संघ के पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्र के प्रचारक क्रमश: अनिल और आलोक भी शामिल रहे।

यही नहीं मंत्रिमंडल में फेरबदल होने की भी चर्चा है। बताया जाता है कि इस फेरबदल में उन मंत्रियों का कद छांटा जा सकता है जिन पर पश्चिम में भाजपा की कश्ती को पार लगाने की जिम्मेदारी थी।

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