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साहब, एसडीएम कादीपुर के साले हुडी बाबा ने गिरा दिया मेरी दिवार, पुलिस मेरी नहीं सुन रही फ़रियाद – पीड़ित पत्रकार.

हरिशंकर सोनी

सुलतानपुर (कादीपुर). एक तरफ सूबे के मुख्यमन्त्री योगी आदित्य नाथ कहते है कि पत्रकारो का उत्पीडन नही होगा लेकिनज़मीनी हकिकत तो कुछ और ही है. पत्रकार क्या कोई भी सम्मानित हो जब बात एसडीएम् साहब के साले हुडी बाबा की है तो भला किसकी मजाल जो बीच में आ भी जाये. उत्पीडन की तो ऐसी की तैसी कर डालो बस एसडीएम साहब के साले को नाराज़ नहीं करना. कानून ताख पर रख दो. कलम अगर चलाये कोई तो तोड़ दो बस साहब के साले का मामला है. साहब के साले को नाराज़ नहीं करना है.

ताजा मामला थाना अखन्डनगर का है जहा दंबगो ने एक पत्रकार का दिवाल ढ़हवा दिया और धमकी भरे लहजे मे यहा तक कह डाला की तुमको फर्जी मुकदमे मे जेल भेज देगे. पत्रकार के आरोपों को आधार माने तो सबसे बड़ी बात ये है कि यह सब कुछ उत्पीडन अखण्डनगर के थानेदार साहब की जानकारी में हुआ.

घटना बीती रात लगभग 12 बजे के करीब की बताई जाती है. पीड़ित पत्रकार विमल दूबे ने बताया कि उसके घर तेजबहादुर दुबे, अभिमन्यु,  कैलाश, इन्दू देवी, सरोज देवी के साथ मोनिंदर मिश्र उर्फ़  हुडी बाबा अपने अन्य साथियों के साथ आये और हवा में गोलिया चलाने लगे. पत्रकार की माता के बोलने पर उक्त लोग उनको भी जान से मारने के लिए दौड़ा लिये. इस दौरान पत्रकार की चाहरदीवारी को गिरा दिया गया. पत्रकार को विभिन्न प्रकार की धमकी दिया गया.

पीड़ित पत्रकार विमल दुबे के आरोपों को माने तो इस घटना की जानकारी स्थानीय थाना अखण्डनगर के थानेदार साहब को दिया गया और अपनी माँ के तरफ से लिखित शिकायत भी दिया मगर थानेदार प्रभात वर्मा ने कोई कार्यवाही नहीं किया और न ही उसकी शिकायत पंजीकृत किया है.

सबसे दिलचस्प बात कुछ और ही है. बताया जाता है कि आरोपी मोनिंदर मिश्रा उर्फ़ हुडी बाबा कादीपुर के उपजिलाधिकारी प्रमोद पाण्डेय के साले है. अब एसडीएम के साले साहब की बात है तो फिर कौन पुलिस वाला पंगा लेगा इसका अंदाज़ा खुद लगाया जा सकता है. मगर सवाल यहाँ ये खड़ा होता है कि प्रमोद पाण्डेय अपने साले के लिये नियम कायदा कानून क्या ताख पर रखे हुवे है. या फिर साले के मोह में उसको कुछ भी करने की आज़ादी दे रखे है.

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